कभी शाम में पेश होता था बजट, यशवंत स‍िन्‍हा ने क्‍यों तोड़ी थी अंग्रेजों की परंपरा?
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कभी शाम में पेश होता था बजट, यशवंत स‍िन्‍हा ने क्‍यों तोड़ी थी अंग्रेजों की परंपरा?

Budget Date 2025: 1 फरवरी 2025 को बजट भाषण सुबह करीब 11 बजे संसद भवन में शुरू होगा. लेक‍िन क्‍या आपको पता है एक समय बजट को शाम के 5 बजे पेश क‍िया जाता था. जान‍िए क्‍यों? 

कभी शाम में पेश होता था बजट, यशवंत स‍िन्‍हा ने क्‍यों तोड़ी थी अंग्रेजों की परंपरा?

India Budget 2025 : पहले देश का आम बजट शाम को 5 बजे पेश क‍िया जाता था. लेक‍िन अब व‍ित्‍त मंत्री का बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू हो जाता है. युवाओं के ल‍िये शाम का बजट पेश करने की जानकारी नयी हो सकती है. लेक‍िन ऐसे लोगों के ल‍िए यह जानना कम द‍िलचस्‍प नहीं होगा क‍ि पहले बजट को शाम के समय क्यों पेश किया जाता था और अब इसका टाइम बदलकर 11 बजे क्यों कर द‍िया गया? दरअसल, 1947 में देश आजाद हुआ तो अंग्रेजों की कई परंपराओं को सालों तक न‍िभाया गया. इन्‍हीं परंपराओं में से एक बजट शाम के समय पेश करने की भी परंपरा शामिल रही.

हर साल सुबह 11 बजे पेश किया जाता है बजट

शाम को 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा को साल 2001 की एनडीए सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बदलकर सुबह 11 बजे कर द‍िया. उसके बाद से हर साल बजट सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है. बाद में यह परंपरा यूपीए के शासनकाल में भी बदस्‍तूर जारी रही. शाम के समय बजट पेश करने की परंपरा देश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इस समय बजट पेश करने का अहम कारण था ब्र‍िटेन का बजट. दरअसल, ब्रिटेन में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता था. ऐसे में भारत में उसी समय पार्लियामेंट में बजट पास करना जरूरी था.

2001 में क‍िया गया यह बदलाव
शाम 5 बजे का समय चुनने के पीछे कारण था क‍ि ब्रिटेन में उस समय 11.30 बज रहे होते थे. इस तरह ब्रिटिश सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरा आजादी के बाद भी न‍िभाई गई और बाद में इसमें यशवंत सिन्हा ने साल 2001 में बदलाव किया. बदलाव के बाद बजट भाषण का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे का कर द‍िया गया.

आम बजट का ह‍िस्‍सा बना रेल बजट
इसके सालों बाद मोदी सरकार ने हर साल 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को एक फरवरी को पेश करना शुरू क‍िया. इसके अलावा उन्‍होंने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक और परंपरा बदली. सरकार ने अलग से पेश होने वाले रेल बजट को आम बजट में ही शामिल कर दिया. रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करने का सुझाव तत्‍कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया था. 

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