Bengaluru water crisis: बूंद-बूंद को तरस रही भारत की 'सिलिकॉन वैली', जल संकट से हिला रियल एस्टेट का कारोबार, कंपनियों को नए बेंगलुरु की तलाश!
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Bengaluru water crisis: बूंद-बूंद को तरस रही भारत की 'सिलिकॉन वैली', जल संकट से हिला रियल एस्टेट का कारोबार, कंपनियों को नए बेंगलुरु की तलाश!

Bengaluru News: भारत की सिलिकॉन वैली' या टेक कैपिटल कहलाना वाला बेंगलुरु के चकाचौंध अब उसके लिए चुनौती बनकर उभर रहा है. शहरीकरण और लगातार बढ़ती जनसंख्या ने बेंगलुरु को भीषण जल संकट में धकेल दिया है. बेंगलुरु में पानी की किल्लत ने लोगों की जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.

Bengaluru water Crisis

Bengaluru Water Crisis News: भारत की सिलिकॉन वैली' कहलाने वाले बेंगलुरु की चकाचौंध अब उसके लिए चुनौती बनकर उभर रहा है. शहरीकरण और लगातार बढ़ती जनसंख्या ने बेंगलुरु को भीषण जल संकट में धकेल दिया है. बेंगलुरु में पानी की किल्लत ने लोगों की जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. न तो नहाने को पानी है, न ब्रश करने और न खाना बनाने के लिए पानी बचा है. देश का टेक कैपिटल बेंगलुरु पानी की किल्‍लत से हिला हुआ है और हर गुजरते दिन के साथ शहर में स्थिति बिगड़ती जा रही है. हालात ये हैं कि लोग कामकाज छोड़कर घर पर पानी जुटाने की कवायद में जुटे हैं. पानी की किल्लत ने केवल लोगों के जीवन को नहीं बल्कि अब तो कारोबार पर असर डालना शुरू कर दिया है.  

बेंगलुरु के जल संकट ने बिगड़ रही शहर की इकोनॉमी  

बेंगलुरु में जल संकट के चलते लोग शहर छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. शहर का प्रॉपर्टी रेट गिरने लगा है. एक्सपर्ट के मुताबिक पानी संकट के चलते बेंगलुरु में प्रॉपर्टी के रेट में 10 से 15 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. अगर ये दिक्कत इसी तरह लगातार जारी रहा तो रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा नुकसान होने वाला है.  खासकर बेंगलुरु ईस्ट और सेंट्रल में सबसे ज्यादा जल संकट का सामना कर रहा है. इस एरिया में प्रॉपर्टी रेट के साथ-साथ रेंटल रेट्स भी गिरने लगे हैं.  

बेंगलुरु में निकलने लगे लोग, रेंट में गिरावट  

गली में दो कमरे वाला घर हो या फिर करोड़ों का बंगला..बेंगलुरु के जल संकट ने सबको सड़क पर पानी के लिए एक कतार में खड़ा कर दिया है. दिक्कत इतनी बढ़ने लगी है कि लोगों का बेंगलुरु से मोहभंग होने लगदा है. लोग बेंगलुरु छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसका असर यहां के रेंट पर भी पड़ा है. कभी हाई फाई रेंटल रेट के लिए चर्चा में रहने वाले बेंगलुरु में मकानों का किराया भी गिरने लगा है.  रेंट में करीब 15 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. 

कारोबार हो रहा प्रभावित  

पानी की किल्लत ने दैनिक जीवन और कारोबार पर गहरा असर डाला है. पानी की कमी का सामना कर रहे लोग ऑफिस जाने से मना कर रहे हैं. बेंगलुरु में इंफोसिस और विप्रो जैसी दिग्‍गज टेक्‍नोलॉजी कंपनियां है. कर्मचारी पानी की दिक्कत के चलते ऑफिस जाने से इनकार कर रहे हैं. जिसका असर कंपनियों के ऑपरेशंस पर पड़ रहा है.  कंपनियां ट्रैफिक जाम से पहले से परेशान थी. अब जल संकट ने उनके ऑपरेशन की मुश्किलों को बढ़ा दिया है.  

कंपनियों को नए बेंगलुरु की तलाश

बेंगलुरु का मौजूदा जल संकट तीन से चार दशकों में सबसे खराब स्थिति में पहुंच चुका है. पहले से ही यह शहर ट्रैफिक जाम की दिक्‍कतों से जूझ रहा था, अब जल संकट ने कंपनियों को बेंगलुरु का दूसरा विकल्प तलाशने के लिए मजबूर कर सकता है.  गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन, एएनजेड, सिस्को, इंटेल, आईबीएम, एक्सेंचर, गोल्डमैन सैक्स जैसी दुनिया भर की बड़ी आईटी और वित्त कंपनियों का ऑफिस बेंगलुरु में है. लगातार बढ़ती समस्या इन कंपनियों को बेंगलुरु का विकल्प तलाशने के लिए मजबूर कर सकता है. कंपनियां अहमदाबाद, जयपुर, मैसूर, मदुरै और नागपुर जैसे टियर 2 शहरों पर गौर कर सकती है, जहां से वर्कफोर्स, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और आसान कम्युनिकेशन हो. भारत के इस साइबर सिटी की बढ़ती समस्या कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है.  

 

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