Vande Bharat Train: देश में पहली बार वंदे भारत ट्रेन का संचालन फरवरी 2019 में किया गया था. इसके बाद से सरकार ने इस ट्रेन को अलग-अलग कई रूट पर शुरू किया है. लोगों की तरफ से भी इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है.
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Indian Railways: भारतीय रेलवे हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है. देश के करोड़ों यात्रियों को रेलवे की तरफ से सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को शुरू किये जाने के बाद काफी सहूलियत हुई है. अलग-अलग रूट पर वंदे भारत चलने के बाद लोगों को सफर में लगने वाले समय में काफी कमी आई है. इस बीच केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव दावोस में वंदे भारत ट्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई देशों ने भारत से सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को आयात करने में रुचि दिखाई है. मंत्री ने यह भी बताया कि देश में सेमीकंडक्टर्स, फूड प्रोसेसिंग, औद्योगिक सामान, पूंजीगत सामान और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश की भारी रुचि है.
एक साल में 32 लाख बुकिंग
पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर शुरू किया गया था. इस ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है और इसने सरकार की 'मेक इन इंडिया' मुहिम को मजबूत किया है. वंदे भारत एक्सप्रेस को हाई क्वालिटी वाली सुविधाओं और अपग्रेडेड सेफ्टी टेक्निक के साथ डिजाइन किया गया है. साल 2022-23 में वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा करने के लिए करीब 31.84 लाख बुकिंग हुईं.
वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल लगभग पूरा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ट्रेन को लेकर खासी दिलचस्पी देखने को मिल रही है. खासकर भारतीय मूल के कुछ लोगों ने यह कहा कि जब उनके बच्चे भारत में होते हैं, तो वे वंदे भारत में बैठना चाहते हैं. देश में वंदे भारत के चार नए प्रकार के ट्रेन मॉडल पेश किए गए हैं. इनमें वंदे भारत चेयर कार, वंदे भारत स्लीपर, नमो भारत ट्रेन और अमृत भारत ट्रेन शामिल हैं. मंत्री ने कहा कि इन चार प्रकार की ट्रेनों के साथ, हमारे देश में यात्रियों को अच्छी क्वालिटी की सेवाएं मिलेंगी. वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है और डेटा एनालिसिस चल रहा है.
दावोस में भारत में निवेश के अवसर
मंत्री ने यह भी बताया कि दावोस में आयोजित बैठक में करीब 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इनमें सेमीकंडक्टर्स, खाद्य प्रसंस्करण, औद्योगिक सामान, पूंजीगत सामान और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. मंत्री ने कहा कि अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी निवेश के लिए MoUs पर हस्ताक्षर किए हैं. महाराष्ट्र ने 16 लाख करोड़ रुपये, तेलंगाना ने 60,000 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश ने 2-2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर सहमति जताई है.
भारत में निवेश की बढ़ती रुचि
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, नेटवर्किंग उपकरण और टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियां भारत में निवेश को लेकर इच्छुक हैं. इस निवेश से भारत के औद्योगिक क्षेत्र में और ज्यादा ग्रोथ देखी जा सकती है, जिससे देश की इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी. इस प्रकार, वंदे भारत ट्रेन और विभिन्न निवेश क्षेत्रों में भारत की सफलता को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है और यह भारत के लिए आर्थिक समृद्धि के नए अवसर ला सकता है.