भारत के लिए अमेरिका से आई गुडन्यूज, चीन की बढ़ने लगी छटपटाहट, हांफती इकोनॉमी को बचाने के लिए जिनपिंग ने बनाया खास' प्लान
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भारत के लिए अमेरिका से आई गुडन्यूज, चीन की बढ़ने लगी छटपटाहट, हांफती इकोनॉमी को बचाने के लिए जिनपिंग ने बनाया खास' प्लान

India Vs China Economy:  चीन की इकोनॉमिक हालात का असर अब उसके शेयर बाजार पर दिखने लगा है. निवेशकों के हाथ जलने लगे हैं. विदेशी निवेशक चीन के शेयर बाजार से पैसा निकालने लगे हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लागातार जारी इस बिकवाली की वजह से चीन के शेयर बाजार की वैल्यू 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा गिर चुकी है.

India Vs China Economic growth

S&P Global Ratings: भारत की तरक्की देख ग्लोबल एजेंसियों ने उसकी रेटिंग में सुधार किया है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ की कायल हो रही है. दुनियाभर की इकोनॉमिक एजेंसिया भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार से गदगद है. जहां एक तरफ भारत की रेटिंग में सुधार हो रहा है तो वहीं चीन की बौखलाहट बढ़ती जा रही है. कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था में बना दवाब अब तक बरकरार है. चीन के रियल एस्टेट में उठे तूफान ने उसकी बैंकिंग सेक्टर को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. चीन का निर्यात घट रहा है. उसका जीडीपी ग्रोथ अनुमान भी गिरकर 4.6 फीसदी पर पहुंच गया है. चीन की इकोनॉमिक हालात का असर अब उसके शेयर बाजार पर दिखने लगा है. निवेशकों के हाथ जलने लगे हैं. विदेशी निवेशक चीन के शेयर बाजार से पैसा निकालने लगे हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लागातार जारी इस बिकवाली की वजह से चीन के शेयर बाजार की वैल्यू 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा गिर चुकी है.

भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ की कायल हुई एजेंसियां 

जहां एक तरफ चीन सांसें ऊपर-नीचे हो रही है तो वहीं भारत की तरक्की फुल स्पीड से दौड़ रही है. हाल ही में दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी में से एक एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के इकोनॉमिक आउटलुक में बदलाव करते हुए इसे अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया. अमेरिका रेटिंग एजेंसी ने नवंबर 2023 में इसे  6.4 फीसदी रखा था, जिसे अब बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया गया है. चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है. इससे पहले जनवरी में आईएमएफ ने भी भारत के आउटलुक में बदलाव करते हुए वित्त वर्ष 2025 में भारत की इकोनॉमी के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.वहीं रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के इकोनॉमिक ग्रोथ मौजूदा वित्त वर्ष 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया. जबकि अगले वित्त वर्ष में 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां भारतीय इकोनॉमी की कायल हो गई है. 

चीन की बढ़ रही छटपटाहट और ड्रैगन का खास प्लान

चीन अपनी इकोनॉमी से जितना परेशना नहीं है, उससे ज्यादा तो भारत की तरक्की से उसका बल्ड प्रेशर बढ़ रहा है. भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है. उसकी ये बेचैनी बीते दिनों देखने को मिली, जब चीनी नेता ने आईफोन मेकर कंपनी ऐपल से मुलाकात करने पहुंचे. अमेरिका से तनातनी के बीच इसी तीन ने अपने सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों के आईफोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, अब वही चीन ऐपल को दुलार रहा है. चीन के नेताओं की ऐपल प्रमुख टिम कुक से मुलाकात की. वहीं चीन टेस्ला प्रमुख मस्क के साथ भी लगातार संपर्क में है. अपने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए चीन चारों तरफ हाथ-पैर मार रहा है.  चीन अब अपनी गलतियों को सुधारने में जुट गया है. जिनपिंग सरकार ने  अब अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ी संख्या में छोटे बैंकों का विलय का फैसला लिया है, ताकि  खराब कर्ज की समस्या से निपटा जा सके.  वहीं शेयर बाजार को बल देने के लिए भी चीन ने नीतियों में बदलाव किया है. चीन ने आईपीओ लाने और लिस्टेड कंपनियों की जांच कड़ी कर दी है . चीन अब ग्रोथ को सुधारने के लिए हर तरफ कोशिश कर रहा है. रियल एस्टेट कंपनियों में दोबारा जान फूंकने के लिए सरकार अपनी पॉलिसी में सुधार कर रही है. 

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