नेता ने पूछा, "ऋषि सुनक पर खुशी तो ठीक है, लेकिन भारत कब लेगा ब्रिटेन से सबक?’’
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नेता ने पूछा, "ऋषि सुनक पर खुशी तो ठीक है, लेकिन भारत कब लेगा ब्रिटेन से सबक?’’

भारतीय मूल के नागरिक ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक होने के बाद भी ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुने जाने पर भारत के कुछ नेताओं को उम्मीद है कि भारत भी एक दिन शीर्ष पद के लिए अल्पसंख्यक का चुनाव करेगा.

 ऋषि सुनक

नई दिल्लीः भारतीय मूल के ऋषि  सुनक (Rishi Sunak) के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है. ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की भारतीय विरासत और जातीय अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के मार्ग में रुकावट नहीं बनी है. लोग इस बात को लेकर काफी खुश हैं कि भारतीय मूल का एक नागरिक ब्रिटेन की शीर्ष सत्ता पर पहुंच गया है. भारतीय तब भी खुश होते हैं कि जब भारतीय मूल के लोग अमेरिका मे उच्च पदों पर पहुंच जाते हैं. वह अमेरिका में भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का कमला मौसी तक बना लेते हैं, लेकिन यही भारतीय कांग्रेस की सोनिया गांधी को विदेशी मानते हैं और उन्हें किसी संवैधानिक पद पर बैठाने में खतरा महसूस करते हैं! हालांकि, इसी बीच कुछ विपक्षी नेताओं ने सोमवार को उम्मीद की कि भारत भी ब्रिटेन से सबक लेगा और अल्पसंख्यकों में से किसी शख्स को शीर्ष पद पर चुनने की प्रथा को एक दिन अपनाएगा.

एक दिन भारत में इस प्रथा को अपनाया जाएगा
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और शशि थरूर ने ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि एक दिन भारत में इस प्रथा को अपनाया जाएगा. टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने इस कदम का खैरमकदम किया और उम्मीद जताई कि भारत भी भविष्य में और सहिष्णु बनेगा. चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, “पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक. अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है.“ उन्होंने यह भी कहा, “मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को सबक लेना चाहिए.“

ईमानदारी से पूछें, क्या यह भारत में हो सकता है 
शशि थरूर ने कहा, “अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह कबूल करना होगा कि ब्रितानियों ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है, सबसे शक्तिशाली कार्यालय में एक दृश्यमान अल्पसंख्यक के सदस्य को रखने के लिए. जैसा कि हम भारतीय सुनक की कामयाबी का जश्न मनाते हैं. आइए ईमानदारी से पूछेंः क्या यह यहां हो सकता है.“ महुआ मोइत्रा ने कहा, “ब्रिटिश एशियाई को 10वें नंबर पर रखने के लिए मेरा दूसरा पसंदीदा देश यूके पर गर्व है.“ उन्होंने कहा, “भारत अधिक सहिष्णु और सभी धर्मों, सभी पृष्ठभूमियों को स्वीकार करने वाला हो.“

मंगलवार को ले सकते हैं शपथ 
गौरतलब है कि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के रूप में इतिहास रचेंगे. सुनक आधिकारिक तौर पर तब तक प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे जब तक कि ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री, लिज़ ट्रस, औपचारिक रूप से राजा को अपना इस्तीफा नहीं दे देते, जिसके बाद उन्हें नई सरकार बनाने के लिए सम्राट द्वारा आमंत्रित किया जाएगा. भारतीय विरासत के पहले हिंदू प्रधान मंत्री होने के अलावा, सनक लगभग 200 वर्षों में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होंगे.

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