Gyanvapi Case: ज्ञानवापी अहाते में मिली लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की हिफाजत करने की मांग के लिए अदालत के सामने अर्जी दी थी. इस पर मुस्लिम फरीक के वकीलों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कोर्ट से वक्ता मांगा है.
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वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद अहाते में बंद तहखानों का ताला खुलवाकर सर्वे कराने की हिन्दू फरीक की मांग पर मुस्लिम पक्ष ने बुधवार को वाराणसी की जिला अदालत में अपनी आपत्ति दाखिल की है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख तय की है. सरकारी वकील महेंद्र पांडेय ने बताया कि हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी अहाते के बंद तहखानों का ताला खुलवाकर उनका सर्वे कराने की मांग की थी. इस पर मुस्लिम फरीक के वकीलों ने अदालत के सामने अपना विरोध दर्ज कराया.
महेंद्र पांडेय ने बताया कि हिन्दू पक्ष के वकीलों ने इस पर अपनी दलील पेश करने के लिए अदालत से वक्त की मांग की है. पांडेय ने बताया कि हिन्दू फरीक की एक वादी राखी सिंह के वकील ने ज्ञानवापी अहाते में मिली लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की हिफाजत करने की मांग के लिए अदालत के सामने अर्जी दी थी. इस पर मुस्लिम फरीक के वकीलों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कोर्ट से वक्ता मांगा है.
गौरतलब है कि हिन्दू फरीक के वकीलों ने 17 मई को अदालत में अर्जी देकर ज्ञानवापी परिसर में बंद पड़े तहखानों को खुलवा कर उनका सर्वे कराने का मुतालबा किया था. अदालत ने मुस्लिम फरीकों को इस सिलसिले में आपत्ति दर्ज करने के लिए वक्त दिया था. अदालत की पिछली सुनवाई के दौरान मुस्लिम फरीक ने अपना ऐतराज जताने के लिए और ज्यादा वक्त की मांग की थी, जिस पर पर अदालत ने मुस्लिम पक्ष पर 100 रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया था.
राखी सिंह और दीगर ने सिविल जज (सीनियर) डिवीजन की अदालत में एक याचिका दाखिल कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन और पूजा और विग्रहों की सुरक्षा का हुक्म देने की आलत से अपील की थी. अदालत के निर्देश पर पिछली अप्रैल-मई में वीडियोग्राफी- सर्वे कराया गया था. इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग जैसे शक्ल का एक पत्थर मिला था, जिसे हिंदू शिवलिंग और मुसलमान फव्वारा बता रहे हैं.
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