Parliament Budget Session 2025: बजट सेशन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. उनसे पहले मोरारजी देसाई 10 बार बजट पेश कर चुके हैं. 16 विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किए जाएंगे. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Parliament Budget Session 2025: वित्त विधेयक 2025, वक्फ और बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन और भारतीय रेलवे और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियमों के विलय समेत 16 विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किए जाएंगे. यह सेशन शुक्रवार को आर्थिक सर्वे 2024/25 के साथ शुरू हो रहा है. इस सेशन में आपदा प्रबंधन और तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) कानूनों में संशोधन संबंधी विधेयक पटल पर रखे जा सकते हैं.
तटीय और व्यापारिक नौवहन से संबंधित विधेयक और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद का नाम बदलकर त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय करने और इसे 'राष्ट्रीय महत्व का संस्थान' घोषित करने संबंधी विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं. इस सेशन में विमानन क्षेत्र से संबंधित वित्तीय हितों की रक्षा करने और आव्रजन तथा विदेशियों के प्रवेश से संबंधित मौजूदा नियमों में बदलाव करने वाले बिल भी आने की उम्मीद है.
आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
आखिर में, एक अन्य महत्वपूर्ण विधेयक गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के प्रतिनिधित्व का दोबारा समायोजन है. जैसा कि नाम से पता चलता है, यह उस राज्य में विधानसभा सीटों को फिर से आवंटित करने का प्रयास करता है, ताकि उसके एसटी समुदायों का बेहतर प्रतिनिधित्व हो सके. इस सेशन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. उनसे पहले मोरारजी देसाई 10 बार बजट पेश कर चुके हैं.
वक्फ बिल होगा पेश
अगर वक्फ (संशोधन) बिल की बात करें तो देश में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों के प्रबंधन के तरीके वक्फ कानूनों में 44 बदलावों का प्रस्ताव करने वाला विधेयक पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था. विवादास्पद बिल को जैसे ही सदन में रखा गया और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अगुआई वाली संयुक्त समिति को भेजा गया, विपक्ष ने इसका तीखा विरोध किया.
जेपीसी से जुड़ी करीब 36 बैठकें हुईं, लेकिन विपक्ष के कम संख्या वाले सदस्यों के विरोध और अव्यवस्था देखने को मिली, जिन्होंने कहा कि उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. जेपीसी ने इस सप्ताह संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है. सदन पैनल ने 14 सिफारिशें की थीं, जो सभी सत्तारूढ़ भाजपा या उसके सहयोगियों के सदस्यों की थीं, जबकि विपक्षी सांसदों की तरफ से की गई 44 सिफारिशों को खारिज कर दिया गया.