Israel Lebanon Ceasefire Agreement: इजरायली सेना ने निहत्थे लोगों पर भारी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 6 महिलाओं समेत 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि 134 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इनमें 14 महिलाएं और 12 बच्चे शामिल थे.
Trending Photos
Israel Lebanon Ceasefire Agreement: लेबनान और इजरायल सीजफायर समझौते के मुताबिक, 26 जनवरी को इजरायली सैनिकों को दक्षिणी लेबनान से इजरायल लौटना था, लेकिन जब इजरायली सेना वापस नहीं लौटी, तो लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध को दबाने के लिए इजरायली सेना ने निहत्थे लोगों पर भारी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 6 महिलाओं समेत 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि 134 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इनमें 14 महिलाएं और 12 बच्चे शामिल थे.
इतना ही नहीं, अगले दिन भी इजरायली फौज ने निहत्थे लोगों पर भीषण गोलीबारी की है, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग जख्मी हो गए. 27 नवंबर को हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच युद्ध विराम शुरू होने के बाद से इजरायली हमलों की श्रृंखला में यह ताजा हमला है.
लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 27 नवंबर से सोमवार तक के दो महीनों में इज़रायल ने लेबनान में कम से कम 83 लोगों की हत्या की. कम से कम 228 लोग घायल भी हुए, क्योंकि विस्थापित निवासी उन गांवों में लौटने की कोशिश कर रहे थे जहाँ इज़रायली सैनिक तैनात हैं. 8 अक्टूबर, 2023 को संघर्ष की शुरुआत से लेकर 26 नवंबर, 2024 तक, इज़रायली सेना ने लेबनान में कम से कम 3,961 लोगों को मार डाला और कम से कम 16,520 लोगों को घायल कर दिया.
युद्ध विराम में क्या सहमति बनी?
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्ध विराम के तहत, इज़रायली सेना को दक्षिणी लेबनान से वापस जाना था और हिज़्बुल्लाह को रविवार तक लेबनान-इज़रायल सीमा से लगभग 30 किमी (20 मील) दूर लिटानी नदी के उत्तर में चले जाना था. सीजफायर लागू होने के 60 दिनों के भीतर इज़रायल को दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना को "धीरे-धीरे वापस" लेना था और लेबनानी सेना को उस क्षेत्र में तैनात करना था.
लेबनानी सैनिकों को करना था तैनात
एक बार इज़रायली सेना के बाहर जाने के बाद लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) के साथ शांति सैनिकों को प्रवेश करना था, उसके बाद लेबनानी सशस्त्र बल (LAF) को प्रवेश करना था. इसके अलावा, LAF को यह सुनिश्चित करना था कि दक्षिणी लेबनान में यह एकमात्र लेबनानी सशस्त्र उपस्थिति है.