Supreme Court on Yasin Malik Case: प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक दोनों मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है. इसी मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर की एक स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हो रही है.
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Supreme Court on Yasin Malik Case: जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक समेत कई अलगावादी नेता तिहाड़ जेल में बंद हैं. जम्मू की एक विशेष अदालत में 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई हो रही है. इस बीच CBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस मामले की सुनवाई जम्मू से दिल्ली स्थानांतरित की जाए. ताकि मलिक को वहां की स्पेशल अदालत में ले जाने की जरूरत न पड़े. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट को बड़ा आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 20 जनवरी को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह जम्मू में एक विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस की उचित सुविधा सुनिश्चित करें, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी निर्देश दिया है कि वह तिहाड़ जेल भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा सुनिश्चित करें. वहीं, पीठ ने दोनों हाईकोर्ट के रजिस्ट्रारों को 18 फरवरी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई 21 फरवरी को करना तय किया है.
जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने की सुनवाई
जस्टिस अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ CBI की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई जम्मू से दिल्ली स्थानांतरित करने की गुजारिश की है, ताकि मलिक को वहां की विशेष अदालत में ले जाने की जरूरत न पड़े.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 दिसंबर को छह मुल्जिमों को मामलों की सुनवाई स्थानांतरित करने संबंधी सीबीआई की याचिका पर जवाब देने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया था. एक मामला 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या से जुड़ा है, वहीं दूसरा मामला 8 दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से संबंधित है.
कौन है यासीन मलिक
गौरतलब है कि प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक दोनों मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट जम्मू की एक निचली अदालत के 20 सितंबर 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. आदेश में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था. सीबीआई ने कहा कि मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और उसे तिहाड़ जेल परिसर से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मई, 2023 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा आतंकवाद वित्त पोषण के एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से मलिक तिहाड़ जेल में बंद है.