NIA Raid in Bengaluru: एनआईए बेंगलुरु में 17 जगहों पर छापेमारी कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला टी नसीर से जुड़ा हुआ है. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.
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NIA Raid in Bengaluru: नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने बेंगलुरु जेल कट्टरपंथ मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को सात राज्यों में 17 स्थानों पर छापेमारी की है. आरोप है कि आजीवन कारावास की सजा पाए दोषी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी टी नसीर ने कथित तौर पर बेंगलुरु केंद्रीय जेल के अंदर कई व्यक्तियों को कट्टरपंथी बनाया है, और उन्हें देश में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए उकसाया है.
बेंगलुरु सिटी पुलिस ने जुलाई 2023 में यह मामला दर्ज किया था और 4 वॉकी-टॉकी के साथ 7 पिस्तौल, 4 हैंड ग्रेनेड, एक मैगजीन और 45 लाइव राउंड सहित हथियार और गोला-बारूद की जब्ती की थी. एनआईए ने 25 अक्टूबर 2023 को जांच संभाली और 13 दिसंबर 2023 को मामले में कुछ छापे मारे थे. यह साफ नहीं है कि एनआईए की रेड बेंगलुरु के एक लोकप्रिय कैफे में शुक्रवार को हुए विस्फोट से कोई संबंध है या नहीं, लेकिन घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि वे निश्चित रूप से संदिग्ध लिंक पर गौर करेंगे. बता दें, एजेंसी ने सोमवार को रामेश्वरम कैफे विस्फोट की जांच अपने हाथ में ले ली है.
बेंगलुरु जेल कट्टरपंथीकरण मामले में, फेडरल एजेंसी पहले ही नसीर और दो भगोड़ों सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. बत दें, केरल के कन्नूर का रहने वाला नसीर 2013 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि जुनैद अहमद और सलमान खान, जिनके बारे में संदेह है कि वे विदेश भाग गए थे, उन्हें जेल में रहते हुए नसीर के जरिए कट्टरपंथी बनाया गया था.
जिन दूसरे लोगों पर नसीर के संपर्क में आने का संदेह है उनमें सैयद सुहैल खान, मोहम्मद उमर, जाहिद तबरेज, सैयद मुदस्सिर पाशा और मोहम्मद फैसल रब्बानी शामिल हैं. इन पांच लोगों पर एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया है.
एनआईए ने जनवरी में एक बयान में कहा था, "नसीर उन सभी को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लश्कर में भर्ती करने के उद्देश्य से उनकी क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद अपने बैरक में स्थानांतरित करने में कामयाब रहा था. वह सबसे पहले लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जुनैद और सलमान को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में कामयाब रहा; इसके बाद, उसने जुनैद के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची. ”
एजेंसी ने कहा था, "एनआईए जांच के मुताबिक, जुनैद जेल के भीतर और बाहर लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपने सह-अभियुक्तों को विदेश से पैसा भेजना शुरू कर दिया. उसने 'फिदायीन' हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत के रास्ते में पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने की साजिश के तहत सलमान के साथ दूसरों को हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी टॉकी पहुंचाने की भी साजिश रची, जुनैद ने अपने सह-आरोपियों को हमले के लिए इस्तेमाल की गई पुलिस कैप चुराने और अभ्यास के तौर पर सरकारी बसों में आगजनी करने का भी निर्देश दिया था.''