अब एक मुसलमान ने मां की मुहब्बत में बनवाया ताजमहल; आलोचना होने पर दिया ये खूबसूरत जवाब
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1733566

अब एक मुसलमान ने मां की मुहब्बत में बनवाया ताजमहल; आलोचना होने पर दिया ये खूबसूरत जवाब

Taj Mahal For Mother: तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले अमरुद्दीन ने अपनी मां के लिए ताजमहल बनवाया है. इसमें एक जगह ऐसी भी जहां मुसलमान नमाज अदा कर सकते हैं.

 

अब एक मुसलमान ने मां की मुहब्बत में बनवाया ताजमहल; आलोचना होने पर दिया ये खूबसूरत जवाब

Taj Mahal For Mother: मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी महबूबा की याद में ताजमहल बनवाया है. यह मोहब्बत की निशानी है. इसके बाद हाल के सालों में काई लोगों ने अपनी महबूबा की याद में ताजमहल की कॉपी बनवाई है. लेकिन तमिलनाडू के एक शख्स ने अपनी मां के लिए ताजमहल बनवाया है. 

अपनी मां के लिए बनवाए गए ताजमहल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इसे लोग दूसरा ताजमहल कह रहे हैं. कई लोग शख्स की तारीफ कर रहे हैं. इसे अमरुद्दीन नाम के शख्स ने बनवाया है. अमरुद्दीन की मां का साल 2020 में इंतेकाल हो गया था. 

अमरुद्दीन की मां ने अपने बच्चों के लिए करोड़ों रुपयों की जायदाद छोड़ी थी. लेकिन उनके बच्चों ने इसे लेने से मना कर दिया. इसके बाद उनके सारे पैसों का इस्तेमाल कर ताजमहल जैसी एक इमारल बनवा दी. अब ये बनकर तैयार हो गई है.

अमरुद्दीन ने ये इमारत तमिलनाडु के तिरुवरूर में बनवाई है. अमरुद्दीन की मां का इंतेकाल बीमारी की वजह से हो गया था. अमुद्दीन के मुताबिक उनकी मां ही उनके लिए सबकुछ थीं. ऐसे में मां की मौत से उन्हें बहुत झटका लगा. उनकी मां ने ही उनके पूरे परिवार का पालन पोषण किया था.

अमरुद्दीन के मुताबिक जब उनके वालिद का इंतेकाल हुआ था तब उनकी मां की उम्र महज 30 साल थी. लेकिन उनकी मां ने बच्चों की परवरिश के लिए शादी नहीं की थी. अमरुद्दीन के वालिद का साल 1989 में इंतेकाल हो गया था. 

यह भी पढ़ें: Lalu Yadav Birthday: तस्वीरों में देखें लालू ने कैसे मनाया अपना 76वां जन्मदिन, चुन्नू-मुन्नू भी आए नजर

अमरुद्दीन ने जिस जगह पर अपनी मां को दफनाया था उसी जगह पर ताजमहल जैसी इमारत बनवाई है. इसे बनाने में 2 साल लग गए. इसे बनाने में 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इमारत 8000 वर्ग फुट में बनी है. इसे 200 मजदूरों ने बनाया है. इस इमारत के पास एक ऐसी जगह भी बनाई गई है जहां पर मुसलमान नमाज अदा कर सकें. इमारत में बच्चों के लिए कुरान और उर्दू पढ़ाई जा रही है. 

अमरुद्दीन का कहना है कि वह ऐसी व्यवस्था करेंगे कि यहां पर गरीबों के लिए खाना दिया जा सके. इस इमारत को बनाने के लिए कई लोग आलोचना भी कर रहे हैं. ऐसे में अमरूद्दीन का कहना है कि यह पैसों की बर्बादी नहीं है. यह दिखाता है कि उनकी मां ही उनके लिए सबकुछ थीं.

Zee Salaam Live TV:

Trending news