Mumbai Boat Accident: मुंबई बोट हादसे में 35 लोगों की जान बचाने वाले मुस्लिम शख्स को उद्दव ठाकरे ने सम्मानित किया है. उन्होंने और उनकी टीम ने जान की फिक्र किए बिना लोगों की जान बचाई.
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Mumbai Boat Accident: मुंबई गेटवे ऑफ इंडिया में 18 दिसंबर को नाव हादसे में 13 लोगों की जान चली गई. इस दौरान एक मुस्लिम शख्स हीरो बनकर सामने आया. जिसने अपनी जान की फिक्र किए बिना कई लोगों की जान बचाई. पेशे से बोट ऑपरेटर आरिफ बाने ने 35 मुसाफिरों को डूबती हुई नांव से सेफली बाहर निकाल दिया.
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की पायलट बोट पूर्वा के चालक आरिफ बामने ने अनुभव बताते हुए कहा, "जब हम वहां पहुंचे, तो लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और रो रहे थे. हमने महिलाओं और बच्चों को बचाने को तर्जी दी. बामने और उनकी टीम जवाहरदीप से मुंबई जा रही थी, तभी उन्हें इस हादसे के बारे एक इमरजेंसी अलर्ट मिला. उन्हें तुरंत जेडी 5 के पास मौजूद स्थान पर पहुंचने का निर्देश दिया गया, और उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कार्रवाई की.
बामने ने बताया, "हालांकि मेरी नाव पर सिर्फ़ चार लोग थे, लेकिन हमने अतिरिक्त नावों के आने से पहले ज़्यादा से ज़्यादा फंसे हुए यात्रियों को बचाने की कोशिश की" न्यूज़9 की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी टीम लगभग 35 यात्रियों को बचाने में कामयाब रही, जिन्हें बाद में आगे की सहायता के लिए नौसेना की नावों में शिफ्ट कर दिया गया.
बामने को 18 साल का एक्सपीरियंस है. बामने ने इस घटना को अपने करियर का सबसे अहम बचाव ऑपरेशन बताया. उन्होंने बताया, "मैंने पहले भी छोटे-मोटे बचाव अभियान देखे हैं, लेकिन यह सबसे दुखद और चुनौतीपूर्ण था."
बामने बताते हैं कि इस दौरान एक छोटी बच्ची के फेंफड़ों में पानी भर गया था और वह बेहोश हो गई थी. हमने उसके चेस्ट पर प्रेशर लगाया ताकि वह फिर से सांस ले सके. बाद में वह होश में आई और नॉर्मल होकर सांस लेनी शुरू की.
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार, 24 दिसंबर को आरिफ बामने को सम्मानित भी किया. नागपुर में महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उनकी बहादुरी पर चर्चा हुई और बाद में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें सम्मानित करने और उनसे मिलने के लिए मातोश्री बुलाया.