Ganderbal CCTV: क्या फेक है गांदरबल में हुए हमले का वीडियो? कैंप में घुसते दिख रहे हैं आतंकी
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Ganderbal CCTV: क्या फेक है गांदरबल में हुए हमले का वीडियो? कैंप में घुसते दिख रहे हैं आतंकी

Ganderbal CCTV: गांदरबल का बताकर एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. आखिर यह वीडियो कितना सही है? क्योंकि इसको लेकर पुलिस और सेना का कोई बयान सामने नहीं आया है.

Ganderbal CCTV:  क्या फेक है गांदरबल में हुए हमले का वीडियो? कैंप में घुसते दिख रहे हैं आतंकी

Ganderbal CCTV: कश्मीर के गांदरबल का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सीसीटीवी में, दो आतंकी AK-47 और अमेरिकी M4 Carbine के साथ वर्कर्स के कैंर में घुसते नजर आ रहे हैं. बता दें, 20 अक्टूबर को हुए इस हमले में 7 लोगों की जान गई थी. मरने वाले में मजदूर और एक डॉक्टर भी शामिल थे. हालांकि इस सीसीटीवी फुटेज की पुलिस या सेना ने अभी पुष्टि नहीं की है.

क्या सही है यह वीडियो

वीडियो में दो आतंकी कैंप में घुसते दिख रहे हैं. उन्होंने मेस पर हमला भी किया, फिर बाहर निकलकर दूसरे मजदूरो को निशाना बनाया. यह हमला 20 अक्टूबर शाम लगभग 7:25 मिनट पर हुआ था. हालांकि वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज में 27 तारीख पड़ी हुई है. जो कि एक शक पैदा करने का काम करती है. वहीं इस मामले में पुलिस का भी अभी कोई बयान सामने नहीं आया है. जिसके बाद ही सब कुछ साफ हो पाएगा.

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गांदरबल का सीसीटीवी क्या है फेक?

मरने वालों में कश्मीर के बडगाम का एक डॉक्टर भी शामिल है, जबकि छह अन्य घाटी से बाहर के थे. वे एपीसीओ इंफ्राटेक में काम करते थे, जो श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी है. 20 अक्टूबर को शाम लगभग 7.25 बजे, जब कुछ कर्मचारी डाइनिंग एरिया में बैठे थे और दूसरे लोग खाना खा रहे थे, तभी कैंप पर हमला हुआ.

कैंप की जगह सुरंग तक पहुंचने वाले रास्ते के ठीक नीचे है, जिसके एक ओर बंजर पहाड़ हैं और दूसरी ओर श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे है. हमले के बाद, सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे.

अलग-अलग जगह की फायरिंग

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जिस जगह पर उन्होंने पहली बार गोलीबारी की, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. शुरुआती जांच में पता लगा कि आतंकियों ने चालक को गोली मारने से पहले शिविर में खड़े एक वाहन के अंदर एक ग्रेनेड रखा था. घायलों और भागने में कामयाब रहे एक सुरक्षा गार्ड के बयान दर्ज करने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि शुरू में कर्मचारियों को लगा कि कुछ लोग पटाखे फोड़ रहे हैं. हालांकि, दो से तीन मिनट के भीतर उन्हें एहसास हो गया कि यह एक आतंकी हमला था.

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