Prabha Atre Death: नहीं रहीं मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2057890

Prabha Atre Death: नहीं रहीं मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे

मशहूर शास्त्रीय संगीत गायिका प्रभा अत्रे अब हमारे बीच नहीं रहीं.  शनिवार सुबह ही गायिका को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वो 92 साल की थी.  हार्ट अटैक के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया.

Prabha Atre Death: नहीं रहीं मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे

भारतीय शास्त्रीय संगीत के दीपक में अपने सुरों से रंगत भरने वाली, तीन पद्म पुरस्कारों से सम्मानित गायिका प्रभा अत्रे का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधम हो गया. आपको बता दें कि प्रभा अत्रे की उम्र 92 साल की थी. संगीत की ये दिग्गज गायिका हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने से जुड़ी थीं.  संगीत के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों- पद्म विभूषण, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है.

दिल का दौरा पड़ने से निधन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मशहूर शास्त्रीय गायिका को उस वक्त दिल का दौड़ा पड़ा, जब वे पुणे में अपने घर पर सो रही थीं.उनके तकलीफ महसूस होने के बाद उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह साढ़े पांच बजे डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.गौरतलब है कि प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी विदेश में रहते हैं. इसलिए परिवारीजनों के आने के बाद मशहुर गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन पर दुख जताते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी

बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी
प्रभा अत्रे का जन्म 13 सितंबर 1932 को पुणे में हुआ था. वे बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. एक शास्त्रीय गायिका होने के अलावा,उन्होंने एक एजुकेशनिस्ट, रिसर्चर,म्यूजिशियन और राइटर के रूप में भी शानदार काम किया था.  साइंस और लॉ में ग्रेजुएट प्रभा अत्रे ने संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री ली हुई थी.

तीन पद्म अवार्डस थे उनके नाम
प्रभा अत्रे  को जनवरी 2022 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान यानि की पद्म विभूषण से नवाज़ा  गया था. इससे पहले उन्हें 1990 में पद्म श्री और 2002 में पद्म भूषण से भी नवाज़ा जा चुका था. साल 1991 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से नवाजा गया. इसके अलावा  राष्ट्रीय कालिदास सम्मान, टैगोर अकादमी रत्न पुरस्कार, दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, हाफिज अली खान जैसे अवार्डस भी उनके नाम थे.
हाल ही में 25 दिसंबर को उन्हें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने अटल संस्कृति पुरस्कार भी दिया गया था.

किराना घराना से था रिश्ता
प्रभा अत्रे ने भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत को दुनियाभर में मशहूर बनाने में अपना खास योगदान दिया. खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई संगीत शैली में  प्रभा सक्षम थीं.प्रभा अत्रे ने हिंदुस्तान की गुरु-शिष्य परपंरा में संगीत सीखा था.उन्होंने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा.

पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगी अंतिम विदाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा, "उनका दुनिया से चले जाना बहुत दुखद है, भारतीय संगीत हमेशा उनका ऋणी रहेगा, मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे."
उनके निधन पर दुख जाहिर करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने प्रशासन को गायिका का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने का निर्देश दिया है.

 

Trending news