Maharashtra Muslim News: महाराष्ट्र के कंकवली में एक मुस्लिम शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे पीटा गया और उसे जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया. ऐसे में इस जांच को प्रभावित करने का इल्जाम लगा और इसे दूसरी जगह ट्रांसफर किया गया है.
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Maharashtra Muslim News: महाराष्ट्र सरकार ने एक मुस्लिम शख्स के केस को कंकवली पुलिस स्टेशन से कुडाल पुलिस स्टेशन भेज दिया है. चेम्बूर के एक मुस्लिम शख्स आसिफ अहमद शेख ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ट्रेन में उनके साथ यात्रियों ने गलत बर्ताव किया. उन्हें 'जय श्री राम' के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया. आसिफ का इल्जाम है कि इस केस में कंकवली पुलिस स्टेशन के एक मकामी नेता ने दखल दिया और जांच में दखल दिया. आसिफ के साथ यह मामला तब पेश आया, जब वह 19 जनवरी 2024 को अपनी बीवी और बेटियों के साथ कंकवली लौट रहे थे.
जय श्रीराम कहने को किया मजबूर
आसिफ अहमद शेख ने अपनी शिकायत में कहा था कि 30-40 छात्र एक ग्रुप में ट्रेन में जोर-जोर से गाना गा रहे थे. जब उन्होंने कहा कि शांत रहें उनकी बेटी सो रही है, तो उसमें से एक शख्स ने उन्हें 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर किया. जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया, तब उनके साथ गाली गलौज की गई और मारपीट भी की गई. इसके बाद उन्हें अंजाब भुगतने की भी धमकी दी गई. आसिफ ने पहले पनवेल पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज कराई थी, जिसे बाद में कंकवली पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर दिया गया.
मियां-बीवी के साथ बदसलूकी
इसके बाद खबर आई कि 25 जनवरी को आसिफ और उनकी बीवी के खिलाफ कथित तौर पर एक मकामी नेता के इशारे पर कंकवली पुलिस स्टेशन में दर्ज एक क्रॉस FIR के सिलसिले में तीन-चार घंटे तक हिरासत में रखा गया. उन पर दबाव डाला गया कि वह अपनी शिकायत वापस लें. इल्जाम है कि पुलिस ने उनके साथ गलत सुलूक किया. पुलिस स्टेशन से लौटने के बाद उनके गांव वालों ने भी उनके साथ मापीट की. इसके बाद उन्होंने कंकवली पुलिस स्टेशन में 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह लोग नेता के सपोर्टर हैं.
वकील ने की कार्ररवाई की मांग
आसिफ के वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दलील दी कि कंकवली पुलिस की जांच एकतरफा थी और एक मकामी नेता के प्रभाव में थी. उनका इल्जाम था कि पनवेल पुलिस ने भी उनकी शिकायत पर खास तवज्जो नहीं दी. पुलिस ने मुल्जिमों को बचाने की कोशिश की. अर्जी में कंकवली और पनवेल के पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई.
स्थानांतरित किया केस
इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य के वकील से पूछा कि क्या वह इस मामले की जांच को कहीं और स्थानांतरित कर सकते हैं? इसके जवाब में कहा गया कि अर्जीगुजार की तरफ से लगाए गए इल्जाम को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) ने जांच को कुडाल पुलिस स्टेशन में भेज दिया.