तालिबान मंत्रियों से फेस टू फेस मिलेंगी यूसुफजई; पाक में होगा हंगामा
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तालिबान मंत्रियों से फेस टू फेस मिलेंगी यूसुफजई; पाक में होगा हंगामा

Malala Yousafzai: पाकिस्तान में मुस्लिम लड़कियों की तालीम को लेकर एक बहुत बड़ा प्रोग्राम होने वाला है. इस प्रोग्राम में मलाला यूसुफजई शामिल होंगी. वह यहां अफगान के अधिकारियों से सीधे मिलेंगी.

तालिबान मंत्रियों से फेस टू फेस मिलेंगी यूसुफजई; पाक में होगा हंगामा

Malala Yousafzai: नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी मलाला यूसुफजई शनिवार सुबह इस्लामाबाद पहुंचीं, जहां वह पाकिस्तान सरकार की तरफ से आयोजित लड़कियों की तालीम पर एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगी. इस समिट में अफगान सरकार के प्रतिनिधि रहेंगे. उम्मीद है कि मलाला यहां अफगान अधिकारियों से आमने सामने मिलें. 24 न्यूजएचडी टीवी चैनल के मुताबिक, दो दिवसीय सम्मेलन आज राजधानी इस्लामाबाद में शुरू हो रहा है. इसमें 44 मुस्लिम देशों के मंत्री और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और इस्लामी देशों में लड़कियों की तालीम पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

क्या बोलीं मलाला यूसुफजई?
मलाला यूसुफजई ने शनिवार को कहा कि वह लड़कियों की तालीम पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचीं और अपने मूल देश पाकिस्तान में वापस आकर "अभिभूत" हैं. उन्होंने राजधानी इस्लामाबाद में एएफपी से कहा, "मैं यकीनन सम्मानित, अभिभूत और पाकिस्तान वापस आकर खुश हूं." पाकिस्तान तालिबान की तरफ से गोली मारे जाने के बाद 2012 में मलाला यूसुफजई को पाकिस्तान से निकाला गया था, जो उनकी सक्रियता से नाराज थे.

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तालिबान को जवाबदेह ठहराएंगी
मलाला ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं लड़कियों की तालीम पर एक अहम सम्मेलन के लिए दुनिया भर के मुस्लिम नेताओं के साथ जुड़ने के लिए उत्साहित हूं. रविवार को, मैं सभी लड़कियों के स्कूल जाने के अधिकारों की रक्षा के बारे में बात करूंगी." उन्होंने कहा कि "मैं इस पर भी बात करूंगी कि क्यों नेताओं को अफगान महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ उनके अपराधों के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराना चाहिए." 

अफगान अधिकारी होंगे शामिल
पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री खालिद मकबूल सिद्दीकी ने एएफपी को बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया है, हालांकि इस्लामाबाद को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. उन्होंने कहा, "फिर भी, अफगानिस्तान में लड़कियों की तालीम के लिए समर्पित दीगर संगठनों के प्रतिनिधि इस प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे." अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां लड़कियों और महिलाओं के स्कूल और यूनिवर्सिटी जाने पर पाबंदी है.

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