UN Houthis: यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र के मुलाजिमों और यमन के कुछ NGO के मुलाजिमों को हिरासत में लिया है. इस मामले की यमन ने निंदा की है. उसका कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.
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UN Houthis: यमन के हूती विद्रोहियों ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय एवं स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के 13 मुलाजिमों को हिरासत में लिया था. यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार ने इस हिरासत की निंदा की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में हिरासत को "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन" बताया और चेतावनी दी कि इससे मानवीय कार्यकर्ताओं की जिंदगी और सुरक्षा को सीधे तौर पर खतरा है.
UN रिहा कराएगा अपने मुलाजिम
यह निंदा संयुक्त राष्ट्र की तरफ से शुक्रवार को किए गए एक ऐलान के बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि वह गिरफ्तारियों की वजह से हूती-नियंत्रित उत्तरी यमन में सभी अफसरों गतिविधियों को निलंबित कर रहा है. यह निलंबन हूती समूह की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के 7 दूसरे मुलाजिमों को हिरासत में लिए जाने के बाद किया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में हिरासत को "अस्वीकार्य" बताया और तस्दीक की कि संयुक्त राष्ट्र हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
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कई महीनों से हिरासत में हैं मुलाजिम
हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र और दूसरे मानवीय संगठनों के कई मुलाजिमों को हिरासत में लिया है, जिनमें से ज्यादातर 2023 के मध्य से हैं. जून 2024 में, हूतियों ने सना में संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय सहायता संगठनों के मुलाजिमों को सामूहिक रूप से हिरासत में लिया था. उनका दावा था कि उन्होंने अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े "अमेरिकी-इजरायली जासूसी नेटवर्क के प्रमुख सदस्यों" को हिरासत में लिया है.
2014 में हूतियों ने यमन पर किया था कब्जा
संयुक्त राष्ट्र ने हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के लिए बार-बार अपील की है. इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस की तरफ से दिसंबर 2024 में सना की यात्रा भी की थी. उन्होंने उनकी रिहाई के लिए बातचीत करने की मांग की थी. 2014 के आखिर से ही हूतियों ने सना और उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर रखा है, वे यमन सरकार के लिए वफादार बलों से लड़ रहे हैं.