बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले नहीं थे 'सांप्रदायिक', पुलिस का बड़ा दावा
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले नहीं थे 'सांप्रदायिक', पुलिस का बड़ा दावा

Bangladesh News: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाने का दावा किया. साथ ही बांग्लादेश पुलिस ने दावा किया है कि पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के बाद देश में हिंदुओं पर हुए ज्यादातर हमले 'सांप्रदायिक' रूप से प्रेरित नहीं थे.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले नहीं थे 'सांप्रदायिक', पुलिस का बड़ा दावा

Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के बाद देश में हिंदुओं पर हुए ज्यादातर हमले 'सांप्रदायिक' रूप से प्रेरित नहीं थे, बल्कि वे राजनीतिक प्रकृति के थे. यह दावा बांग्लादेश पुलिस की एक रिपोर्ट में किया गया है.

बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने दावा किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सांप्रदायिक हिंसा और बर्बरता की 1,769 घटनाओं का सामना करना पड़ा. 1769 घटनाओं के आरोपों में से पुलिस ने 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच निष्कर्षों के आधार पर कम से कम 35 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले ज़्यादातर हमले सांप्रदायिक रूप से प्रेरित होने के बजाय राजनीतिक रूप से प्रेरित थे. पुलिस की कथित जांच में 1,234 घटनाओं को राजनीतिक और सिर्फ 20 को सांप्रदायिक रूप से प्रेरित होने बात कही गई.

अब तक कितने लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
परिषद का कहना था कि 1,452 घटनाएं 5 अगस्त 2024 को हुईं, जब हसीना सत्ता छोड़ भारत भाग गईं. पुलिस रिपोर्ट में कहा गया कि 53 मामले दर्ज किए गए और 65 गिरफ्तारियां की गईं. कुल मिलाकर, 4 अगस्त से अब तक सांप्रदायिक हमलों की 115 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 100 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है.

अंतरिम सरकार ने किया ये ऐलान
वहीं अंतरिम सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाने का दावा किया. मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आजाद मजूमदार ने कहा, "सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह पीड़ितों को मुआवज़ा देगी. अंतरिम सरकार पंथ, रंग, जातीयता, लिंग या लिंग के बावजूद मानवाधिकारों की स्थापना को सर्वोच्च महत्व देती है." हसीना सरकार के पतन के बाद, भारत ने कई मौकों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की है.

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