Benipatti Case: तेजस्वी मुसलमानों से प्रेम करते हैं, लेकिन मौका और फायदा देखकर
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2630148

Benipatti Case: तेजस्वी मुसलमानों से प्रेम करते हैं, लेकिन मौका और फायदा देखकर

Tejashwi Yadav on Benipatti Case: मस्जिद के इमाम मोहम्मद फिरोज के साथ बर्बरता करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है, वहीं उनके विरोधी उन्हें साल 2021 की घटना की याद दिला रहे हैं.

Benipatti Case: तेजस्वी मुसलमानों से प्रेम करते हैं, लेकिन मौका और फायदा देखकर

Tejashwi Yadav on Benipatti Case: बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र में एक मस्जिद के इमाम मोहम्मद फिरोज के साथ पुलिस ने बर्बरता की है, जिसके बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है. इमाम पर बर्बरता करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके बावजूद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं और कह रहे हैं कि वह मुसलमानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. 

वहीं उनके विरोधी उन्हें याद दिला रहे हैं कि जब समस्तीपुर के अधारपुर गांव में दिनदहाड़े सरकारी स्कूल की शिक्षिका 35 वर्षीय सुनवर खातून और अनवर नाम के शख्स को कथित यादव समुदाय के लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी, तब तेजस्वी यादव क्या कर रहे थे? उस वक्त तो तेजस्वी यादव सरकार के हिस्सा थे और डिप्टी सीएम भी थे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि हमारे नेता सिर्फ अपने फायदे के लिए राजनीति करते हैं. ऐसे में बेनीपट्टी थाना क्षेत्र का मामला क्या है, पुलिस ने इमाम की पिटाई क्यों की, इस मामले पर तेजस्वी यादव का क्या रुख है? और साल 2021 में अधारपुर गांव में मुस्लिम महिला के साथ क्या हुआ? इस मामले पर तेजस्वी यादव का क्या रुख रहा, आइए जानते हैं.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 29 जनवरी को मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र की पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी, इसी दौरान मस्जिद के इमाम मोहम्मद फिरोज वहां से गुजर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया. इमाम कुछ दूर जाकर रुक गए, जिससे पुलिसकर्मी आपा खो बैठे और मौलाना की बेरहमी से पिटाई कर दी और थाने में बंद कर दिया. इतना ही नहीं, इमाम की दाढ़ी खींची गई और इस्लाम और अल्लाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं और फिर उनकी पिटाई की गई. इसके बाद 25,000 रुपये की रिश्वत लेकर इमाम को छोड़ दिया गया. 

थानेदार पर भी कार्रवाई
इस मामले को लेकर बेनीपट्टी के लोगों ने हंगामा किया और प्रोटेस्ट की धमकी भी दी. इसके साथ ही मकामियों ने एसपी ऑफिर और डीएम ऑफिस पहुंचे जहां, लोगों ने आरोपी पुलिसकर्मियों की शिकायत की, जिसके बाद 5 पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया. इतना ही नहीं थाने के थानाध्यक्ष को भी लाइन हाजिर कर दिया गया. इसी मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को घेरा है और कहा कि बेनीपट्टी में जिस तरह बर्बरतापूर्ण घटना घटी है, उससे मैं काफी मर्माहत हूं. जिस तरह से वहां एक अल्पसंख्यक की डीएसपी ने पुलिस वालों के साथ मिलकर बिना किसी वजह के पिटाई की है, वह सही नहीं है.

पीड़ित इमाम से तेजस्वी मिलने जाएंगे मधुबनी
उन्होंने कहा कि पीड़ित से मिलने मैं खुद मधुबनी जा रहा हूं. यह केवल एक घटना नहीं है. कुछ महीने पहले राहुल कुमार झा की थाने में बर्बर तरीके से पिटाई की गई. इसी तरह ऑटो चालक मुन्ना झा की हत्या कर दी गई और अब तक नामजद अभियुक्तों को पुलिस पकड़ नहीं सकी है. जगत गांव में सुनील झा कंपाउंडर की हत्या कर दी गई, महीने बाद भी पुलिस अपराधी को नहीं पकड़ पाई. ढाका गांव में पुलिस ने महिलाओं और बच्चों की खूब पिटाई की थी, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब जो घटना सामने आई है, उसमें एक मौलाना की पिटाई की गई है, पुलिस ने उन्हें पीटने का काम किया है.

नीतीश कुमार पर बोला हमला
उन्होंने आरोप लगाया कि मैं पूरी तरह से कह सकता हूं कि  नीतीश कुमार अचेत अवस्था में चले गए हैं. बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. पुलिस वाले संविधान की शपथ लेते हैं. अगर आपकी मानसिकता आरएसएस या किसी और की विचारधारा की हो गई है तो यह गलत है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी मुसलमानों को बुरी नजर से देखने का काम करता है, तो उन बुरी नजर वालों की नजर अच्छी कैसे की जाए, मुझे हर तरीका पता है. जिस तरह से मौलाना की पिटाई हुई है, उसमें डीएसपी पर कार्रवाई नहीं होती तो हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी.

साल 2021 में क्या हुआ था
समस्तीपुर जिले के आधारपुर गांव में दिनदहाड़े यादव समुदाय के लोगों ने सरकारी स्कूल में शिक्षक 35 साल की सुनवर खातून और अनवर की बेरहमी से हत्या कर दी. महिला के पति हसनैन खान आधारपुर गांव के उपमुखिया थे और पड़ोस में रहने वाले श्रवण कुमार राय से मामूली विवाद हुआ था, जिसके बाद महिला टीचर के पति ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. गुस्साए लोगों ने उपप्रधान के घर पर हमला कर दिया और घर में जो भी मिला उसे पीटना शुरू कर दिया। हत्या का बदला लेने के लिए भीड़ ने महिला को नंगा कर दिया और उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि वे महिला और अनवर को तब तक पीटते रहे जब तक उसकी मौत नहीं हो गई और घरों को आग लगा दी.

तेजस्वी ने साध रखी थी चुप्पी
इस घटना के वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और तेजस्वी यादव सरकार का हिस्सा थे. तेजस्वी यादव उस वक्त डिप्टी सीएम भी थे. इस घटना को लेकर लोगों ने सीएम नीतीश कुमार के बिहार में कानून के राज के दावों पर सवाल उठाए थे. वहीं, इतनी बड़ी घटना के बाद भी तेजस्वी यादव चुप रहे, जिसकी बीजेपी और कई नेताओं ने आलोचना की थी. लोगों का आरोप था कि तेजस्वी यादव इस मामले पर इसलिए चुप रहे क्योंकि हत्यारे यादव समुदाय से थे. हालांकि, इस हत्याकांड में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन आज भी वहां के मुसलमान खौफ में जीते हैं.

Trending news