दिवाली पर हिन्दुओं के घर जलेंगे मुस्लिम औरतों के बनाए दीपक; दूर होगी गरीबी
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दिवाली पर हिन्दुओं के घर जलेंगे मुस्लिम औरतों के बनाए दीपक; दूर होगी गरीबी

UP News: उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर में मुस्लिम औरतें मिट्टी के दिए तैयार कर रही हैं. ये दिए हिंदुओं के घरों को रौशन करेंगे. मुस्लिम खातून के मुताबिक दिए बनानें में काफी मेहनत ललगती है. लेकिन इससे इलाके की गरीबी दूर होगी.

दिवाली पर हिन्दुओं के घर जलेंगे मुस्लिम औरतों के बनाए दीपक; दूर होगी गरीबी

UP News/अजीत सिंह: इस दीपावली पर हिन्दुओं के घर मुस्लिम की तरफ से बनाये जा रहे खूबसूरत दीपक से जगमग होंगे. ये मुस्लिम महिलाएं अपने हाथों से दीपक को तराश रही हैं. ये महिलाएं शहरी इलाके की नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की हैं. इनकी तालीम भी न के बराबर है. लेकिन कुदरत ने ऐसा हुनर दिया है कि इन गृहणियों की तरफ से बनाए जा रहे दीपक देखते ही आप खुद आश्चर्य में पड़ जाएंगे. ये दिए जौनपुर के साथ-साथ अयोध्या और काशी में भी में जलेंगे.

मुस्लिम औरतें बना रही दीपक
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर विकासखंड जलालपुर इलाके के महिमापुर गांव में खूबसूरत दीपों को बनाया जा रहा है. ये महिलाएं उत्तर प्रदेश ग्रमीण आजीविका मिशन के तहत मिल्की समूह की हैं. इस समूह में कुल 11 सदस्य हैं, जिसमें 7 मुस्लिम और चार हिन्दू महिलाएं हैं. इस बात से साफ पता चलता है कि इलाके में हिन्दू-मुस्लिम एकता है. 

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दीपक से दूर होगी गरीबी
वहीं समूह की औरतों ने दिवाली के त्योहार के मद्देनजर बहुत ही सुंदर दीपक बनाया है. दीपक की खासियत है कि ये बिना तेल के जलेगा. समूह की तरफ से बनाए गए दीए एक से डेढ़ घण्टे तक जलते रहेंगे. समूह की अध्यक्ष जाफरून हाशमी ने बताया कि सरकार की इस योजना से गरीब लोगों को रोजगार मिलेगा और गरीबी दूर होगी. उन्होंने कहा कि अभी हमारे समूह को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. समूह की महिलाओं ने आपस में कुछ रुपये जमा करके दीपक बनाने का काम शुरू किया.

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दीपक बनाना मेहनत का काम है
दीपक बनाने वाली एक औरत जाफरून हाशमी ने बताया कि दीपक बनाने में काफी मेहनत लगती है. लेकिन ये दीपक स्वदेशी हैं. इस दीपक को 6 स्टेप के बाद जलाने योग्य बनाया जाता है. हम लोग मिट्टी के बने दीपक को अपने समूह के लोगों से खरीद कर लाती हैं. उसके बाद उसकी पेंटिंग करके उसे सुंदर बनाती हैं. दीपक जलाने के लिए मोम का इस्तेमाल किया जाता है. इस दीपक की मांग यदि बाजार में बढ़ी तो इसे काफी संख्या में बनाया जाएगा. हर साल दस हजार दियो की डिमांड होती है. दीपकों को बनाकर हर हरिद्वार, काशी, मुम्बई व अयोध्या में भेजते हैं. जिससे समूह की महिलाओं के साथ-साथ पूरे इलाके में रोजगार की क्रांति आई है. इससे बेरोजगारी दूर हुई है.

अलग होगा नजारा
फिलहाल दीपावली के मौके पर मुस्लिम औरतों के बनाए अनोखे दिए तैयार किए जा रहे हैं. अनोखे दीपक देखकर लोग काफी खुश हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि घर में जब यह दीए जलेंगे तो एक अलग ही नजारा देखने को मिलेगा.

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