Muslim Quota: तेलंगाना में नई सरकार बनने के बाद मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री रवंत रेड्डी से मुलाकात की है. मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सरकार से मुस्लिमों के लिए दिए जा रहे 4 फीसद रिजर्वेशन बहाल करने की गुजारिश की.
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Muslim Quota: दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की. मुस्लिम प्रतिनिधिनयों ने तेलंगाना राज्य सरकार से शिक्षा और रोजगार में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसद रिजर्वेशन के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की अपील की है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की तरफ से शनिवार को सचिवालय में एक समीक्षा बैठक में मुस्लिम नेताओं ने उनसे 2024 -2025 वित्तीय वर्ष के लिए नए बजट में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की तरक्की के लिए ठीक-ठाक रकम आवंटित करने करने की गुजारिश की.
सकारात्मक रहा मुख्यमंत्री का रवैया
उन्होंने वक्फ भूमि की सुरक्षा करने और सांप्रदायिक वैमनस्य को ध्यान में रखते हुए कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए कहा. प्रतिनिधियों ने उनकी मांगों पर सकारात्मक रिएक्श देने के लिए मुख्यमंत्री को शुक्रिया कहा.
आरक्षण पर क्या बोले अमित शाह?
तेलंगाना में पिछले साल 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव से पहले तेलंगाना में मुस्लिम आक्षण को लेकर सियासी पारा गर्म था. भाजपा की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि अगर यहां भाजपा सत्ता में आती है तो मुस्लिम समुदाय के 4 फीसद आरक्षण को खत्म किया जाएगा और इसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग में बांटेगी.
अमित शाह ने यह भी कहा था कि "तेलंगाना देश भर में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां मुसलमानों को धार्मिक आरक्षण देने का काम हुआ है. बीजेपी ने तय किया है कि हम तेलंगाना में गैर संवैधानिक आरक्षण को समाप्त करके ओबीसी आरक्षण बढ़ाएंगे और एससी-एसटी का भी न्यायिक आरक्षण होगा."
सीएम योगी ने बताया असंवैधानिक
तेलंगाना में मुस्लिम आरक्षण पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि "तेलंगाना में मुस्लिम आरक्षण डॉ. बीआर अंबेडकर की ओर से बनाए गए संविधान का अपमान है. मुसलमानों को आरक्षण असंवैधानिक है. इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाना चाहिए."
कांग्रेस ने कहा देगी आरक्षण
हालांकि तेलंगाना में जब कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया था तो उसमें अल्पसंख्यकों को नौकरियों, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में आरक्षण देने की बात कही थी.