Haji Malang Dargah Video Viral: हाजी मलंग दरगाह का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और मौजूदा डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अपने दल-बल के साथ ठाणे की मशहूर हाजी मलंग दरगाह पहुंचे हैं.
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Haji Malang Dargah Video Viral: देश में मस्जिदों को मंदिर कहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस कड़ी में मजारे भी इससे अछूती नहीं हैं. हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि राजस्थान में अजमेर दरगाह एक हिंदू मंदिर है. अब मुंबई में हाजी मलंग दरगाह विवादों में है. इस दरगाह पर कई हिंदू संगठनों की नज़र है, जो इसे हिंदू मंदिर मानते हैं. मंदिर-मस्जिद विवाद अपने चरम पर है. हाल ही में हाजी मलंग दरगाह के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ असामाजिक तत्व दरगाह के अंदर जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं.
एकनाथ शिंदे का वीडियो हो रहा है वायरल
हाजी मलंग दरगाह का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और मौजूदा डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अपने दल-बल के साथ ठाणे की मशहूर हाजी मलंग दरगाह पहुंचे हैं और मजार पर आरती कर रहे हैं और भजन भी गा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि शिंदे ने मजार पर ओम और हिंदू देवी-देवताओं के नाम लिखी भगवा चादर भी चढ़ाई. यह वीडियो उर्स के दिन का बताया जा रहा है. हालांकि, ज़ी सलाम इस वीडियो की तस्दीक नहीं करता है.
हिंदूवादी संगठने के लोगों ने मजार में लगाया 'जय श्री राम' का नारा
वहीं, एक दूसरे फुटेज में कुछ हिंदुत्ववादी सदस्यों को धार्मिक नारे लगाते हुए दरगाह के परिसर में एक विशाल हनुमान ध्वज लहराते हुए दिखाया गया है. वे भगवा वस्त्र पहने एक प्रसिद्ध इस्लामिक सूफी दरगाह पर पहुंचे और भजन (हिंदू धार्मिक गीत) गाते हुए आरती पूजा की. हिंदुत्व समूह के सदस्य “एक ही नारा, एक ही नाम, जय श्री राम” का नारा लगाते हुए और भगवा झंडे लहराते हुए हाजी मलंग दरगाह में दाखिल हुए. यह घटना 800 साल पुराने धार्मिक स्थल को लेकर चल रहे विवादों की पृष्ठभूमि में हुई है, जिसमें तर्क दिया गया है कि यह पहले एक हिंदू मंदिर था.
एकनाथ शिंदे मजार को मुक्त करने का किया था ऐलान
जनवरी 2024 में हाजी मलंग दरगाह ने तब सुर्खियाँ बटोरीं, जब शिवसेना (शाइन) के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने हिंदुओं के लिए मंदिर को “मुक्त” करने के इरादे की घोषणा करके विवाद खड़ा कर दिया, उन्होंने दावा किया कि यह मूल रूप से एक हिंदू मंदिर था. उन्होंने आगे कहा कि जब तक वह अपना वादा पूरा नहीं कर लेते, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे.
इस मजार पर विवाद सबसे पहले 1817 में शुरू हुआ था. शिंदे और हिंदुत्व सहयोगियों का दावा है कि यह स्थान मछिंद्रनाथ की समाधि है, जो नाथपंथी संप्रदाय के एक पूजनीय देवता हैं और बाद में इसे जबरन मुस्लिम मंदिर में बदल दिया गया.
एकनाथ शिंदे दिया था ये विवादित बयान
एकनाथ शिंदे ने ‘मलंग-गढ़ हरिनाम महोत्सव’ के दौरान एक उत्साही सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “मैं सभी को कई मामलों के बारे में बताना चाहता हूं जिन्हें सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं किया जा सकता है. मलंगगढ़ की मुक्ति के बारे में विश्वास आपके दिलों में मजबूत है. एकनाथ शिंदे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक वह आपकी इच्छाएं पूरी नहीं कर लेते.” उन्होंने ‘मलंग-गढ़ हरिनाम महोत्सव’ के दौरान एक उत्साही सभा को संबोधित करते हुए कहा.