Asaduddin Oawais On Badaun Jama Masjid: हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बदायूं जामा मस्जिद मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद को निशाना बनाया जा रहा है.
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Asaduddin Oawais On Badaun Jama Masjid: उत्तर प्रदेश के बदायूं जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के वाद की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) पर शनिवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 दिसंबर 2024 की तारीख मुकर्रर की है. इस मामले पर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बदायूं जामा मस्जिद को निशाना बनाया जा रहा है.
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट कर कहा, "बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है. अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी. एएसआई (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उत्तर प्रदेश सरकार भी केस में पार्टी है. दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के मुताबिक, अपनी बात रखनी होगी. शर पसंद हिंदुत्ववादी तंजीमें किसी भी हद तक जा सकते हैं, उन पर रोक लगाना भारत के अमन और इत्तिहाद के लिए बहुत जरूरी है. आने वाली नस्लों को 'एआई' की पढ़ाई के बजाए 'एएसआई' की खुदाई में व्यस्त कर दिया जा रहा है."
बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है । अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। ASI (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उ.प्र सरकार भी केस में पार्टी हैं । दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के अनुसार अपनी बात रखनी होगी।शर पसंद…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 30, 2024
3 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि बदायूं के जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में अगली सुनवाई 3 दिसंबर 2024 तय की गई है. यह मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है. अदालत में शनिवार को जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की तरफ से अपना पक्ष रखा गया, इसके बाद बहस की गई. बहस पूरी न होने पर कोर्ट ने 3 दिसंबर की तारीख दी है.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि हिंदू महासभा की तरफ साल 2022 में में जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए पिटीश दायर किया था और मस्जिद के अंदर पूजा-अर्चना करने की इजाजत मांगी की थी. साल 2022 में अखिल भारत हिंदू महासभा के संयोजक मुकेश पटेल और अन्य ने कोर्ट में दावा किया कि बदायूं शहर में मौजूद जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव का मंदिर था. हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद की मौजूदा स्ट्रक्चर नीलकंठ महादेव के प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है.