Who is Al-sharaa: सीरिया में नए राष्ट्रपति के तौर पर अहमद अल-शरा को चुन लिया गया है. फिलहाल सीरिया का संविधान रद्द रहेगा. इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि अहमद अल-शरा कौन हैं?
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Who is Al-sharaa: पिछले साल दिसंबर में विद्रोहियों ने सीरिया में तख्तापलट कर दिया. इसके बाद यहां बशर अल-असल की सरकार गिर गई. विद्रोही गुट हयात तहरीर-अल-शाम (HTS) ने यहां सत्ता संभाली. इस गुट के नेता अहमद अल-शरा हैं. उन्हें सीरिया का नया राष्ट्रपति चुना गया है. इस दौरान सीरिया के संविधान को निरस्त कर दिया गया है. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक अल-शरा को संक्रमणकालीन चरण के लिए राष्ट्रपति बनाया गया है. उन्हें अस्थायी विधान परिषद बनाने के लिए भी कहा गया है. सीरिया का नया संविधान बनाए जाने तक इसी के हिसाब से काम होगा.
सीरिया में पैदा हुए
अहमद अल-शरा पहले अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाने जाते थे. उनकी पैदाइश 1982 में दमिश्क में हुई. वह कुछ वक्त सऊदी अरब में रहे. यहां उनके वालिद काम करते थे. इसके बाद उनकी परवरिश सीरिया में ही हुई. खबरें हैं कि विद्रोही गुट में शामिल होने से पहले अहमद अल-शरा ने डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ी.
अमेरिका ने बनाया बंदी
बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2003 में अमेरिका और दूसरी फौज के इराक पर हमले के बाद, अल शरा वहां मौजूद जिहादी ग्रुप अल-कायदा के साथ जुड़ गए थे. अमेरिकी फौज ने राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और उनकी पार्टी को सत्ता से हटा दिया था, लेकिन उन्हें दूसरे ग्रुपों के विरोध का सामना करना पड़ा था. साल 2010 में इराक में अमेरिकी सेना ने अल-शरा को गिरफ्तार कर लिया था और कुवैत के पास उन्हें बंदी बना कर रखा. यहीं इनकी मुलाकात जिहादियों से हुई. ये लोग आईएस से जुड़े थे. खबरों के मुताबिक अहमद अल-शरा की कट्टरता का सफर सितंबर 11 के हमले के बाद शुरू हुआ.
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बनाया अपना संगठन
साल 2011 में सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हुआ. उन्होंने अल नुसरा फ्रंट बनाई. ये अल कायदा की ब्रांच है. इसी को बाद में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नाम पड़ा. अमेरिका ने अल-शरा को कई सालों तक आतंकवादी करार दिया. उन पर उसने 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा. उन्होंने साल 2016 में अलकायदा से अपने आपको अलग कर लिया और HTS को बढ़ाया. उन्होंने इसे राष्ट्रवादी फोर्स करार दिया.
लोगों को चिंता
हाल के सालों में अल-शरा ने अपनी पगड़ी बदलकर सैनिक वर्दी पहन ली और अल्पसंख्यकों के साथ औरतों के हकों को महफूज करने की बात कही. अहमद अल-शरा ने जब लोगों को एक नई सरकार देने का वादा किया तब लोग उनके इतिहास को लेकर फिक्रमंद हुए. लोगों को लग रहा था कि विद्रोही गुट कैसे राज करेगा?
अलग-अलग रिएक्शन
अल-शरा की बढ़ती ताकत पर अलग-अलग रिएक्शन हैं. कुछ लोग उन्हें मानते हैं कि वह जंग के वक्त रणनीति बनाने वाले नेता से राजनेता बने हैं. तो कुछ लोग उन्हें एक अवसरवादी शख्स के तौर पर देखते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति के लिए खुद को तैयार कर रहा है.