बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए शूटर्स ने जीशान का दफ्तर क्यों चुना, सामने आई बड़ी वजह
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बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए शूटर्स ने जीशान का दफ्तर क्यों चुना, सामने आई बड़ी वजह

Baba Siddiqui Murder Case: 12 अक्टूबर की देर रात बांद्रा के निर्मल नगर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या उस वक्त कर दी गई थी, जब वह अपने बेटे के दफ्तर से बाहर निकल रहे थे.

बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए शूटर्स ने जीशान का दफ्तर क्यों चुना, सामने आई बड़ी वजह

Baba Siddiqui Murder Case: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस हत्याकांड को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस जांच में पता चला है कि शूटरों ने अपनी योजना के मुताबिक लोकेशन बदली थी. जराए ने मुंबई पुलिस के हवाले से बताया कि अपराधियों ने अपराध को अंजाम देने से पहले बाइक पर रेकी की थी.

 जराए ने आगे कहा कि रेकी के दौरान शूटर्स ने महसूस किया कि बाबा सिद्दीकी को उनके घर के आसपास शूट करना असंभव है, क्योंकि बाबा हमेशा लोगों से घिरे रहते हैं. इसके अलावा बांद्रा वेस्ट से उनके लिए निकल भागने का रास्ता भी बहुत मुश्किल था. इस वजह से बाबा के घर और दफ्तर के आसपास की रेकी करने के बाद शूट आउट का लोकेशन बदलने की योजना बनाई गई. आखिर में शूटर्स ने तय किया कि बाबा सिद्दीकी को शूट करने के लिए उनके बेटे जीशान का दफ्तर सही स्थान है. 

गोलीबारी के बाद शूटरों की बाइक दुर्घटनाग्रस्त 
जीशान के दफ्तर से हाईवे भी नजदीक है, जिससे मुंबई अहमदाबाद, मुंबई नासिक और मुंबई पुणे हाईवे पर भागने के लिए तीन रास्ते उपलब्ध थे. इसके बाद बाबा को जीशान के दफ्तर के बाहर शूट करने की योजना बनाई गई. शूट आउट से पहले ही बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिसके बाद बाइक को छोड़ सभी आरोपी एक ऑटो के जरिए उस स्थान पर पहुंचे, जहां उन्हें वारदात को अंजाम देना था. शूटर्स ने सेकंड हैंड बाइक 32 हजार रुपये में खरीदी थी. इसी बाइक के जरिए उन्होंने रेकी भी की थी. क्राइम ब्रांच ने बाइक को जब्त कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.

कहां की गई बाबा सिद्दीकी की हत्या
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर की देर रात बांद्रा के निर्मल नगर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या उस वक्त कर दी गई थी, जब वह अपने बेटे के दफ्तर से बाहर निकल रहे थे. इस घटना को तीन लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था. 66 साल के नेता को तीन गोलियां लगी थी. इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

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