नई दिल्ली: Period Education: पीरियड्स हर लड़की के जीवन का एक अहम हिस्सा है. इसके बारे में जानकारी होना उनके लिए बेहद आवश्यक है, हालांकि भारत में आज भी कई लड़कियों को पीरियड्स आने से पहले इसकी खास जानकारी नहीं होती है. ऐसे में हर मां को अपनी बेटी के प्यूबर्टी में आने से कुछ समय पहले इस बारे में बातचीत जरूर करनी चाहिए. ताकी अचानक इस परिस्थिति से गुजरते समय उनमें डर नहीं बैठेगा और वे सहज रहेंगी. अगर आप अपनी बेटी को पीरियड से जुड़ी जानकारी देने में थोड़ी कन्फ्यूज हैं तो ये आर्टिकल आपके काफी काम आ सकता है.
प्यूबर्टी और पीरियड्स के बारे में बताएं
अपनी बेटी को पीरियड्स के लिए मानसिक तौर पर तैयार करें इसके लिए उन्हें बताएं कि पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, जो हर लड़की को प्यूबर्टी के दौरान होता है और इसके लिए उन्हें तैयार रहना होगा. यह हमारे शारीरिक विकास का एक हिस्सा है. प्यूबर्टी यानी यौवनावस्था एक ऐसा फिजिकल चेंज है, जिसमें हमारा ब्रेन कुछ केमिकल्स को सीक्रेट करता है, जिन्हें हम हार्मेंस कहते हैं. हार्मोन हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव लाता है जैसे स्तनों के आकार का बढ़ना, कमर और कूल्हों को सुडौल बनना, शरीर पर बाल आने लगना, योनि का विकास होना और वजाइनल डिस्चार्ज का शुरू होना. इसी कारण से शरीर में पीरियड्स की शुरुआत होती है. प्यूबर्टी से लड़के और लड़कियां दोनों को ही गुजरना पड़ता है. इसलिए इससे बिल्कुल भी न घबराएं.
पीरियड्स के लक्षण के बारे में बताएं
अपनी बेटी को बताएं कि पीरियड्स शुरू होने से पहले शरीर में किस तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि पीरियड्स कितने समय तक आते हैं.
पीरियड्स आने से पहले ब्रेस्ट में कई तरह के बदलाव आते हैं. इस दौरान ब्रेस्ट के साइज में बदलाव, इनमें सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है.
पीरियड्स आने से पहले हमारे मूड में भी काफी बदलाव आता है, जैसे उदासी, तनाव या चिड़चिड़ापन होना.
कई लोगों को पीरियड्स आने से पहले कमजोरी भी होने लगती है. ऐसे में वे कुछ भी करने के बाद तुरंत थक जाते हैं.
पीरियड्स आने से पहले पैरों में दर्द भी होने लगता है. वहीं इस दौरान जांघों में भी अजबी सी खिचन होने लगती है. कई बार तो पीरियड्स आने से पहले ब्लोटिंग, पीठ दर्द और शरीर में अकड़न भी होने लगती है.
सैनिटरी पैड का कैसे इस्तेमाल करें
कई लड़कियों को पहला पीरियड्स आने पर पैड का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें समय से पहले इसकी जानकारी जरूर दें. इसके लिए अपनी बेटी को पैड दिखाएं और उसे इस्तेमाल करने का तरीका बताएं. आप चाहें तो उन्हें मेंस्ट्रुअल कप और टैम्पोन के बारे में भी बता सकती है.
पीरियड हाइजीन और डाइट के बारे में बताएं
अपनी बेटी को सैनिटरी पैड यूज करने के तरीके के साथ ही पीरियड्स के दौरान अपने गुप्तांग की साफ-सफाई के बारे में भी जरूर बताएं. उन्हें मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स और पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानियों के बारे में भी बेझिझक बताएं ताकी समय आने पर वह इसका अच्छे से सामना कर सके. इसके अलावा पीरियड्स के दौरान कैसी डाइट लेनी चाहिए इसके बारे में भी जानकारी जरूर दें.
अपनी बेटी को मेंस्ट्रुअल जर्नी से अवगत कराते समय किसी भी तरह की झिझक महसूस न करें. वहीं अगर आपकी बेटी को 16 साल की उम्र तक पीरियड्स न आएं तो उसे किसी अच्छे गायनेकोलॉजिस्ट के पास जरूर ले जाएं. पीरियड्स को लेकर बेटी के किसी भी तरह के सवाल को अच्छे से सुनें और समझदारी से उनका जवाब दें.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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