नई दिल्ली: भारत और इंडोनेशिया के बीच बहुप्रतीक्षित ब्रह्मोस मिसाइल डील पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है. हाल ही में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए थे, लेकिन ब्रह्मोस मिसाइल डिफेंस डील पर कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि इंडोनेशिया सरकार को अभी इस सौदे पर और चर्चा करनी है, जिसके चलते यह डील फिलहाल लंबित है.
समझौते में देरी की वजह क्या है?
इंडोनेशिया ने भारत से अतिरिक्त समय मांगा है, ताकि वह ब्रह्मोस मिसाइल डील को आगे बढ़ाने से पहले जरूरी बातचीत कर सके. संकेत मिल रहे हैं कि जकार्ता आर्थिक, तकनीकी और भू-राजनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला ले रहा है. हालांकि इंडोनेशिया का एक डिफेंस डेलिगेशन जल्द ही दिल्ली का दौरा करेगा, ताकि समझौते की बाकी की औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा सके.
इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा में अहम
अगर यह डील होती है तो यह भारत-इंडोनेशिया रक्षा सहयोग में एक बड़ी उपलब्धि होगी. ब्रह्मोस मिसाइल अपने अत्याधुनिक तकनीक और सुपरसोनिक गति के कारण इंडोनेशिया की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकती है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बदलते सुरक्षा परिदृश्य के लिए जरूरी है.
बातचीत में तेजी आने की उम्मीद
भारत लगातार दक्षिण पूर्व एशिया में अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है. ब्रह्मोस मिसाइल सौदा इसी रणनीति का अहम हिस्सा है. हालांकि इंडोनेशिया सतर्क रुख के साथ आगे बढ़ रहा है जिसकी वजह से इसमें समय लग रहा है. लेकिन, आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच बातचीत और तेज होने की उम्मीद है. बता दें कि इससे पहले फिलीपींस भारत से ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम खरीद चुका है.
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