नई दिल्ली: कैंसर एक ऐसा नाम, जिसे सुन हर किसी के होश उड़ जाते हैं. इसी बीमारी को लेकर अब मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर ने कैंसर की दवा बनाने का दावा किया है. भारत में लाखों लोग कैंसर जैसी जानलेवा और लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं और लाखों लोग इस बामारी से जान गवा चुके हैं. भारत कैंसर मरीजों के मामले में विश्व में तीसरे पायदान पर आता है. वहीं इसी बीच टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल की ओर से बड़ी राहत की खबर सामने आई है.
कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को रोकेगी टेबलेट
मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर ने रिसर्च के बाद कैंसर की दवा बनाने का दावा किया है. शोध कर रही टीम ने दावा दिया है कि उन्होंने कैंसर पर वार करने वाली बहुत ही किफायती टेबलेट ढूंढ ली है. दावे के अनुसार यह टेबलेट शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकती है साथ ही कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को भी कम या फिर खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है.
शोध में किया गया दावा...
मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर की जानकारी के अनुसार यह टैबलेट कीमोथेरेपी जैसे ट्रीटमेंट के बुरे प्रभावों को 50% तक कम करने में मददगार साबित हो सकती है. इसके अलावा कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में भी यह टेबलेट काबी कारागार साबित हो सकती है. बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल (2020 से 2022) में कैंसर से 23.68 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
टाटा रिसर्च ने जो टैबलेट विकसित की है. यह टेबलेट कैंसर के दोबारा बढ़ने या होने से रोकने के लिए मददगार साबित हो सकती है. वहीं कैंसर के दोबारा होने की संभावना को 30% तक कम करने में मददगार साबित हो सकती है.
कैसे काम करेगी यह टेबलेट
कैंसर के इलाज के दौरान सबसे ज्यादा की जाने वाली कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के बाद बॉडी में सेल-फ्री क्रोमैटिन पार्टिकल छोड़ते हैं. बता दें कि यह दुष्प्रभावित सेल्स शरीर में हेल्दी सेल्स को कैंसर में बदलने का काम करते हैं. इसी परेशानी का हर निकालने के लिए डॉक्टर्स काफी समय से काम कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक शोधकर्ताओं ने चूहों को रेस्वेराट्रोल और कॉपर (R+Cu) के साथ प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट दीं. R+Cu ऑक्सीजन रेडिकल प्रोड्यूस करता है, जो इन क्रोमैटिन पार्टिकल को नष्ट कर देता है. शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि R+Cu कीमोथेरेपी टॉक्सिसिटी को भी रोकता है.
कब तक आएगी टेबलेट
बता दें कि कैंसर का इलाज ढूढ़ने के लिए शोधकर्ता भरपूर मेहनत कर रहे हैं. यह ट्रीटमेंट अभी सिर्फ चूहों पर ही किया गया है. वहीं अभी इस टेबलेट का ह्यूमन ट्रायल होने में करीब 5 साल और लगेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक जो टैबलेट टाटा रिसर्च ने विकसित की है. उसकी कीमत मात्र 100 रुपए हो सकती है.
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