चीन का काल बनेगा भारत का 'जोरावर', जानें कितना है शक्तिशाली

भारतीय सेना अपने देश की सुरक्षा में हमेशा आगे बढ़ती रहती है. ऐसे में अब उन्होंने चीन को युद्ध के मैदान में जवाब देने के लिए अपना लाइट टैंक जोरावर को तैयार कर लिया है. ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि भारत का ये टैंक कैसे चीन पर भारी पड़ सकता है.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : Feb 12, 2025, 07:34 PM IST
    • चीन को जवाब देगा 'जोरावर'
    • टाइप-15 या जोरावर कौन भारी?
चीन का काल बनेगा भारत का 'जोरावर', जानें कितना है शक्तिशाली

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनाव की खबरों से कोई अनजान नहीं है. खासतौर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद कभी सामान्य हो ही नहीं पाता. ऐसे में अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए भारत लगातार अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है. अब इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए भारत ने अपना पहला माउंटेन टैंक 'जोरावर' तैयार कर लिया है, जिसे DRDO द्वारा बनाया गया है. चलिए जानते हैं कि भारत का ये टैंक चीन के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.

DRDO की शाखा ने बनाया टैंक जोरावर

भारत का जोरावर DRDO की ही शाखा कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (CVRDE) ने तैयार किया है. इस टैंक का सीधा मुकाबला चीन के Type-15 के साथ किया जा रहा है. साथ ही इसे बनाने में लार्सन एंड टर्बों और कई सैकड़ों छोटे उद्योगों ने भी मदद की है. जोरावर का वजन केवल 25 टन है. बताया जा रहा है कि इसमें 750 हॉर्स पावर वाले दमदार इंजन इंस्टॉल किए गए हैं. 

चीन को जवाब देने के लिए बनाया गया टैंक

इस लाइट जोरावर टैंक में भी दुश्मनों की धज्जियां उड़ाने जितनी ताकत है. दरअसल, चीन ने हिमालय पर अपने 500 लाइट टैंक तैनात कर दिए हैं, जिन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जोरावर को तैयार किया गया है. खास बात यह है कि ये टैंक आसानी से हेलिकॉप्टर की सहायता से चीन की सीमा पर लेकर जाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं, ये खुद पहाड़ चढ़ने में भी सक्षम हैं. भारतीय सेना ऐसे 354 टैंक खरीदने जा रही है.

दुश्मन पर भारी पड़ेगा जोरावर टैंक

जोरावर टैंक की मदद से दुश्मन पर गोले दागे जा सकते हैं, मशीनगन चलाई जा सकती है, इसके अलावा एंटी-टैंक मिसाइल भी दागी जा सकती है. जोरावर को इस तरह तैयार किया गया है कि इसके कवच का भी बड़े से बड़े हथियार कुछ नहीं बिगाड़ सकते. ऐसे में इसके भीतर बैठे सैनिक पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे. ये टैंक 60 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकता है. इसके साथ ही आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक एंफिवियस टैंक है. यानी ये जिस रफ्तार से जमीन पर चल सकता है, उतनी ही तेजी से यह पानी में तैर सकता है.

ऑटोमैटिक लोडर है जोरावर टैंक

जोरावर में ऑटोमैटिक लोडर लगाए गए हैं, यानी युद्ध के मैदान में इसमें अपने आप गोले लोड हो पाएंगे. यह एक रिमोट वेपन स्टेशन है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वॉर्निंग सिस्टम और एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगे हैं. इस पर एक 12.7 किलोमीटर की हैवी मशीनगन भी फिट की गई है. ये टैंक चलाने में सिर्फ 3 लोगों की जरूरत है.

चीन के टैंक टाइप-15 की ताकत

दूसरी ओर चीन के टाइप-15 टैंक की बात करें तो इसका वजन 30-35 टन बताया जा रहा है. इसकी लंबाई 30.18 फीट है. इसे भी चलाने के लिए केवल 3 ही लोगों की जरूरत है. यह भी ऑटो लोडर है और इसमें एक वक्त में 38 गोले तक स्टोर किए जा सकते हैं. इसके ऊपर 12.7mm की मशीनगन लगाई है और ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर है. चीन के पास ऐसे 500 टैंक हैं.

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