Second longest metro network: भारत में मेट्रो ट्रेनें लगभग हर दूसरे दिन सुर्खियों में रहती हैं. कभी-कभी सीटों को लेकर हाथापाई तो कभी कतार में लगने को लेकर बहसबाजी. कुछ घटनाओं के वीडियो भी बहुत वायरल होते हैं. वहीं, ऐसे मजेदार काम भी करते हैं, जिनकी वीडियो खूब हंसाते भी हैं. लेकिन इन रोजमर्रा की घटनाओं से परे, मेट्रो की एक बहुत बड़ी कहानी सामने आ रही है. क्या आप जानते हैं
हम भारत के शहरों के तेजी से विस्तार, कनेक्टिविटी और परिवर्तन की बात कर रहे हैं, जिसमें मेट्रो नेटवर्क भी अपना रोल अदा कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 फरवरी को कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत भर में मेट्रो नेटवर्क '1,000 किलोमीटर को पार कर गया है.' संसद में इस उपलब्धि पर जोर देते हुए उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 1,000 किलोमीटर और जोड़ने के लिए काम चल रहा है. यानी 2000 किलोमीटर.
आखिर उपलब्धि क्या है?
पुराने मेट्रो रूट और नए नेटवर्क के जुड़ने से भारत दुनिया का दूसरा सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क वाला देश बन जाएगा. भारत की मेट्रो पिछले 10 वर्षों में तेजी से विस्तार कर रही है.
2014 में, कुल मेट्रो नेटवर्क सिर्फ 248 किलोमीटर तक फैला था. हालांकि, 2017 की मेट्रो रेल नीति के बाद यह अब 1,000 किलोमीटर तक बढ़ गया है.
17 मौजूदा मेट्रो प्रणालियों के चल रहे विस्तार, कई स्वीकृत और निर्माणाधीन परियोजनाओं और कम से कम 30 प्रस्तावित मेट्रो नेटवर्क के साथ, भारत तेजी से 1,000 किलोमीटर और जोड़ने की राह पर है.
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में कहा, 'पिछले 10 वर्षों में दिल्ली का मेट्रो नेटवर्क दोगुना हो गया है और अब मेट्रो नेटवर्क टियर 2 और टियर 3 शहरों तक भी पहुंच रहा है. हम सभी इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि भारत का मेट्रो नेटवर्क अब 1,000 किलोमीटर को पार कर गया है... अतिरिक्त 1,000 किलोमीटर पर भी काम चल रहा है.'
भारत की मेट्रो से जुड़ी अहम बातें
भारत में मेट्रो रेल को 1,000 किलोमीटर तक पहुंचने में 4 दशक लग गए. भारत में मेट्रो रेल की शुरुआत 1984 में कलकत्ता (अब कोलकाता) से हुई थी. भारत भर में 17 मेट्रो प्रणालियों के साथ, देश अब दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है, जो केवल चीन और अमेरिका से पीछे है. लेकिन जल्द भारत अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है.
मौजूदा नेटवर्क का विस्तार पहले से ही प्रगति पर है. अकेले दिल्ली मेट्रो के चरण IV में 2026 तक 65 किलोमीटर और जुड़ने वाले हैं. इससे दिल्ली मेट्रो की कुल लंबाई 450 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी.
आगरा (7 किमी), बैंगलोर (76 किमी), चेन्नई (54 किमी), हैदराबाद (69 किमी), जयपुर (11 किमी), कानपुर (8 किमी), कोच्चि (28 किमी), नागपुर (38 किमी), लखनऊ (22 किमी), मुंबई (59 किमी) और पुणे (33 किमी) जैसी मेट्रो प्रणालियों का विस्तार हो रहा है.
इसी तरह, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने महा मुंबई मेट्रो नेटवर्क के लिए 337 किलोमीटर का मास्टरप्लान तैयार किया है, जिसमें कुल 17 खंडों वाली 10 लाइनें शामिल हैं.
इस बीच, भारतीय रेलवे द्वारा संचालित एकमात्र मेट्रो प्रणाली, कोलकाता मेट्रो का लक्ष्य 2025 तक 90 किलोमीटर तक विस्तार करना और 2027 तक 130 किलोमीटर से अधिक करना है. बेंगलुरु नम्मा मेट्रो का 2026 तक 175 किलोमीटर से अधिक विस्तार होने की उम्मीद है.
भारत किनसे कितना पीछे?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा जिन पांच देशों में मेट्रो लाइन बिछी हुई है, उनमें भारत का फिलहाल नंबर 3 है. पहले पर चीन है, जहां 10,187 किलोमीटर तक का मेट्रो नेटवर्क है. इसके बाद अमेरिका का नंबर है, जहां 1389 किलोमीटर का नेटवर्क है. फिर भारत जिसका 1000 किलोमीटर का है, लेकिन आगे यह 2000 किलोमीटर का कुल मेट्रो नेटवर्क होने वाला है. भारत के बाद जापान और साउथ कोरिया का नंबर है.
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