नई दिल्ली: Chabahar Port: भारत ने लगभग 40 साल की बातचीत के बाद ईरानके साथ चाबहार पोर्ट को लेकर समझौता कर लिया है, हालांकि भारत और ईरान की इस डील ने अमेरिका को नाराज कर दिया है. बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि वह ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों पर भी बैन लगा सकता है. अब इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मोर्चा संभाल लिया है.
चाबहार पोर्ट से रहा है लंबा रिश्ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार रात यानी 14 मई 2024 को विदेश मंत्री ने कोलकाता के एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका अतीत में इस बात को मान चुका है कि चाबहार बंदरगाह की बड़ी अहमियत है. उन्होंने कहा,' चाबहार बंदरगाह से हमारा लंबा रिश्ता रहा है लेकिन हम कभी लॉन्ग टर्म समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए. इसकी वजह कई परेशानियां थीं, जिसे हम अंत में सुलझाने में कामयाब रहे हैं.' उन्होंने कहा लॉन्ग टर्म समझौता जरूरी है क्योंकि इसके बिना हम बंदरगाह पर परिचालन नहीं सुधार सकते. और हमारा मानना है कि बंदरगाह परिचालन से पूरे इलाके को फायदा होगा.'
अमेरिका भी कर चुका है तारीफ
एस जयशंकर ने कहा,' मैंने कुछ बयान देखे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि यह लोगों को बताने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में सभी के फायदे के लिए है. मुझे नहीं लगता कि इस पर लोगों को संकुचित सोच रखनी चाहिए और उन्होंने अतीत में ऐसा नहीं किया है.' विदेश मंत्री ने आगे कहा,' अगर आप अतीत में चाहबहार को लेकर अमेरिका के खुद के रवैये को देखें तो वह इस तथ्य का प्रशंसक रहा है कि चाबहार की व्यापक प्रासंगिकता है. हम इस पर काम करेंगे.'
अमेरिका ने जताई नाराजगी
बता दें कि भारत ने सोमवार 13 मई 2024 को सामरिक रूप से ईरान में चाबहार बंदरगाह को संचालित करने के लिए 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए है, जिससे नई दिल्ली को मध्य एशिया के साथ बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. इसको लेकर अमेरिका ने नाराजगी जताई है. अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने इसको लेकर कहा,' हमें खबर मिली है कि भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया है. मैं चाहूंगा कि भारत सरकार चाबहार पोर्ट और ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों पर बात करे.'
उन्होंने आगे कहा,' मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा क्योंकि यह अमेरिका से संबंधित है, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं और हम उन्हें बरकरार रखेंगे.' पटेल ने कहा,' आपने हमें कई मामलों में यह कहते हुए सुना है कि कोई भी यूनिट कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ बिजनेस डील पर विचार कर रहा है, उन्हें इसके संभावित खतरों और प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए.'
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