US Immigration Enforcement: अमेरिका ने कई भारतीयों समेत करीब 300 प्रवासियों को देश से बाहर निकालकर पनामा के एक होटल में रखा गया है. इनमें से कुछ निर्वासित लोग अपने होटल के खिड़कियों पर नोट लिखकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला..
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Panama News: अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत व्हाइट हाउस प्रशासन ने कई भारतीयों समेत करीब 300 प्रवासियों को देश से बाहर निकाल दिया है. इन निर्वासितों को पनामा के एक होटल में रखा गया है, जहां से निराशा जनक मंजर सामने आया है. कुछ निर्वासित लोग अपने होटल के खिड़कियों पर नोट लिखकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. नोट पर, 'कृपया हमारी मदद करें,हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं' लिखा हुआ था. ये सभी प्रवासी एक होटल में पुलिस सुरक्षा के तहत रखे गए हैं और उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं है.
Panama denies depriving 'freedom' to migrants deported by US.
Public Security Minister says the migrants are not being "deprived of their freedom" while they await repatriation. "They are in our custody for their protection"https://t.co/KK36Vy1pNA pic.twitter.com/Rrg57o52ei
— AFP News Agency (@AFP) February 19, 2025
किन देशों के हैं ये प्रवासी?
AP समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, होटल में करीब 300 प्रवासी हैं, जिन्हें उनके देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया जारी है. पनामा के लोक सुरक्षा मंत्री फ्रैंक एब्रेगो ने बताया कि इनमें से कई प्रवासी भारत, चीन, ईरान और वियतनाम से हैं.
ये प्रवासी मुख्य रूप से एशियाई देशों से हैं और पनामा में फंस गए हैं, क्योंकि अमेरिका ने पनामा को इन लोगों के लिए एक ट्रांजिट प्वाइंट बनाने का समझौता किया है, जिन्हें सीधे उनके मूल देश भेजना मुश्किल था. लेकिन, प्रवासियों के साथ सलूक को लेकर पनामा सरकार की काफी आलोचना हो रही है. हालांकि, सरकार का कहना है कि ये प्रवासी हिरासत में नहीं हैं.
भारतीय प्रवासियों की स्थिति
वहीं, पनामा में भारतीय दूतावास ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और कहा है कि भारतीय प्रवासी सुरक्षित हैं. दूतावास ने एक बयान जारी कर बताया, 'पनामा प्रशासन ने हमें सूचित किया है कि अमेरिका से आए भारतीय प्रवासी सुरक्षित हैं और उन्हें होटल में सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. दूतावास की टीम को उनसे मिलने की इजाजत मिल गई है और हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पनामा सरकार के साथ काम कर रहे हैं.'
Panamanian authorities have informed us that a group of Indians have reached Panama from US
They are safe and secure at a
Hotel with all essential facilitiesEmbassy team has obtained consular access
We are working closely with the host Government to ensure their wellbeing pic.twitter.com/fdFT82YVhS
— India in Panama, Nicaragua, Costa Rica (@IndiainPanama) February 20, 2025
एक चीनी महिला होटल से फरार
इस बीच, होटल से एक चीनी महिला फरार हो गई है. पनामा की राष्ट्रीय आप्रवासन सेवा के मुताबिक, एक चीनी महिला होटल से भाग गई, जिसमें स्थानीय लोगों ने उसकी मदद की. इस घटना के बाद, प्रशासन ने चेतावनी दी है.
क्या होगा इन प्रवासियों का भविष्य?
पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक एब्रेगो के मुताबिक, 299 प्रवासियों में से 171 ने अपने देश वापस लौटने की सहमति दे दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह प्रक्रिया कब पूरी होगी. इनमें से एक आयरिश नागरिक को पहले ही वापस भेजा जा चुका है.
हालांकि, करीब 40 फीसदी प्रवासियों ने स्वैच्छिक वापसी से इनकार कर दिया है, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे कितने वक्त तक होटल में रहेंगे. अफसरों ने संकेत दिया है कि शेष प्रवासियों को कोलंबिया सीमा के पास स्थित दारिएन गैप में एक अस्थायी प्रवासन केंद्र में भेजा जाएगा.
दारिएन गैप: घने जंगलों वाला एक खतरनाक क्षेत्र
दारिएन गैप घने जंगलों वाला एक खतरनाक क्षेत्र है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर प्रवासी उत्तर अमेरिका की तरफ जाने के लिए करते हैं. अब इस जगह को निर्वासित लोगों के लिए अस्थायी कैंप बनाने के फैसले से विवाद और बढ़ गया है. पनामा की अमेरिकी आव्रजन नीतियों में भूमिका पर पहले ही सवाल उठाए जा रहे हैं, और अब इस नई नीति ने और अधिक आलोचना को जन्म दिया है. प्रवासियों का भविष्य अभी भी अनिश्चित बना हुआ है.