रस्सी जल गई लेकिन... शपथ का टाइम आ गया, बाइडेन अभी भी ट्रंप से जीतने की बात कर रहे!
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रस्सी जल गई लेकिन... शपथ का टाइम आ गया, बाइडेन अभी भी ट्रंप से जीतने की बात कर रहे!

Joe Biden: बाइडेन ने कहा कि मैं ट्रंप को हरा सकता था. मुझे भरोसा था कि मैं फिर से जीत सकता हूं. ऐसा कहकर उन्होंने पूरा दोष अपनी पार्टी पर मढ़ दिया है. उनका बयान एक तरह से यही है कि रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई. 

रस्सी जल गई लेकिन... शपथ का टाइम आ गया, बाइडेन अभी भी ट्रंप से जीतने की बात कर रहे!

US presidential election: अमेरिका में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ को लेकर तैयारीयां जोरों पर है. इन सबके बीच निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक प्रेस सम्मेलन में कह दिया कि वह नवंबर में हुए आम चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हरा सकते थे. इतना ही नहीं इसका कारण भी उन्होंने बता दिया. बाइडेन ने यह भी कहा कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की एकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया. बाइडेन का यह बयान तब आया है जब ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं.

ट्रंप की वापसी और बाइडेन का बयान
असल में 20 जनवरी को जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. रिपब्लिकन नेता ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे, जो एक कार्यकाल के बाद वापस राष्ट्रपति चुने गए हैं. इस बीच बाइडेन ने कहा कि मैं ट्रंप को हरा सकता था. मुझे भरोसा था कि मैं फिर से जीत सकता हूं. ऐसा कहकर उन्होंने पूरा दोष अपनी पार्टी पर मढ़ दिया है.

क्या हैं इस बयान के मायने
मजे की बात है कि बयान में बाइडेन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की एकता को प्राथमिकता दी और इसलिए दौड़ से हटने का फैसला किया. सबको पता है कि उनकी जगह डेमोक्रेटिक पार्टी ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाया, लेकिन उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा. हालांकि बाइडेन ने कहा कि कमला हैरिस एक सक्षम नेता हैं और भविष्य में फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में उतर सकती हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि हैरिस पार्टी के लिए एक मजबूत विकल्प साबित होंगी.

डिबेट में ही पीछे हो गए थे बाइडेन
चुनाव के दौरान जून में अटलांटा में हुई डिबेट के दौरान बाइडेन का प्रदर्शन कमजोर रहा था. इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर से ही उनके खिलाफ आवाजें उठने लगीं. पार्टी को लगने लगा कि 82 वर्षीय बाइडेन अब ट्रंप के खिलाफ मजबूती से खड़े नहीं हो पाएंगे. आखिर में बाइडेन ने दौड़ से खुद को अलग कर लिया, लेकिन उनका कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से पार्टी के हित में लिया गया.

फिलहाल भविष्य की योजनाएं क्या हैं.. 
जब बाइडेन से पूछा गया कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद वह सक्रिय रहेंगे या नहीं, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं न तो नजरों से ओझल होऊंगा और न ही दिलों से. उन्होंने संकेत दिया कि राजनीति में उनका योगदान किसी न किसी रूप में जारी रहेगा. इस बयानबाजी के बीच, ट्रंप के समर्थक जहां अपनी जीत का जश्न मना रहे हैं. सबकी नजरें 20 जनवरी पर टिकी हैं, जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण करेंगे. एजेंसी इनपुट

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