Bangladesh Chaos: अफवाह है कि जब जनरल वकार-उज-जमान विदेश दौरे पर थे, तब लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान बांग्लादेशी राष्ट्रपति को हटाने की साजिश का हिस्सा थे. सूत्रों ने आरोप लगाया कि अगर आने वाले महीनों में मोहम्मद यूनुस पद छोड़कर ढाका से निकल जाते हैं तो फैजुल रहमान सेना प्रमुख को हटाने की साजिश का हिस्सा हो सकते हैं.
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Mutiny in Bangladesh Army: कट्टरपंथियों से जूझते बांग्लादेश में अब सेना की बगावत बड़ी मुश्किल पैदा कर सकती है. सूत्रों का दावा है कि बांग्लादेश आर्मी में तीन पावर सेंटर बन गए हैं. तीनों गुट अब देश की सत्ता पर अपनी पकड़ बनाने के लिए आपस में लड़ रहे हैं. यानी बांग्लादेश की सबसे शक्तिशाली संस्था के रूप में देखी जाने वाली देश की सेना के सामने बड़ी मुश्किल स्थिति आ गई है. अपनी जिस सेना की तरफ बांग्लादेश की आवाम उम्मीद की नजरों से देख रही थी. अब वही बांग्लादेशी सेना इंटरनल पॉलिटिक्स के चक्कर में फंस चुकी है.
बांग्लादेश की सेना तीन हिस्सों में बंटी?
पहला पावर सेंटर वकार-उज-जमान का है. जो वर्तमान सेना प्रमुख हैं और अभी उनका सेना पर नियंत्रण हैं, लेकिन सेना के अंदर दो अन्य पावर सेंटर उभरे हैं. सेना में सत्ता का दूसरे केंद्र की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक कर रहे हैं. उन्हें बांग्लादेश सेना की 9वीं डिवीजन के अवामी लीग समर्थक मेजर जनरल मोहम्मद मोइन खान का समर्थन प्राप्त है, जिसे सबसे ताकतवर डिवीजन माना जाता है.
वहीं बांग्लादेशी सेना के तीसरे गुट की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, हिजबुत तहरीर से जुड़े मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम समेत छात्र नेताओं के संपर्क में हैं.
बगावत की नई आग में झुलसेगा बांग्लादेश?
ऐसी अफवाहें हैं कि लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति को हटाने की साजिश का हिस्सा थे, जब जनरल वकार-उज-जमान विदेश दौरे पर थे. सूत्रों ने आरोप लगाया कि अगर आने वाले महीनों में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पद छोड़ देते हैं और ढाका से चले जाते हैं तो फैजुल रहमान सेना प्रमुख को हटाने की साजिश का हिस्सा भी हो सकते हैं. यानी बांग्लादेश एक और बगावत की आग में झुलसेगा.