Ukraine war: जियो पॉलिटिक्स एक्सपर्ट्स लगातार कह रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध के मोर्चे से गुड न्यूज़ आने वाली है. पुतिन और ट्रंप के बीच मोटा-मोटी बात (Trump Putin Talks) हो चुकी है. पीस डील यानी युद्ध रोकने की रेसिपी लगभग तैयार हो चुकी है, बस उसे अमल में कैसे लाना है इसे लेकर रियाद तक मंथन जारी है.
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Russia Ukraine war latest in hindi: अमेरिका में ट्रंप राज (Trump 2.o) के दौरान उनके विरोधी एक-एक करके शरणागत हो रहे हैं. ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल का एजेंडा पहले ही सेट कर दिया था. कुछ मामलों पर तो वो प्रचार के दौरान कहते थे कि शपथ ग्रहण के बाद पहली कैबिनेट बैठक यानी पहले ऑर्डर में ये कर दूंगा...वो कर दूंगा, कुल मिलाकर उन्होंने जो वादे किए उन्हें वो एक-एक कर निपटा रहे हैं. इस कड़ी में बात उस दावे की जिसमें ट्रंप ने कहा था- चुनाव जीतने दो! यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) रुकवा दूंगा.
पुतिन से बात और रूस से डील फिर आगे क्या?
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में जल्द ही रूस-यूक्रेन युद्ध (Russian invasion of Ukraine) रुकने का ऐलान होने वाली गुड न्यूज़ आने का दावा किया जा रहा है. रियाद समेत कई शहरों में बातचीत (Riyadh, Russia, US agree to work for ending Ukraine war) का दौर जारी है.
किसने सोचा था... युद्ध इतना लंबा खिंचेगा?
पुतिन को यूक्रेन को उसकी औकात बताने की गफलत कहें या जेलेंक्सी का सुपरपावर अमेरिका को भगवान मानकर रूस को पटखनी देने का प्लान, दोनों के ख्वाब अधूरे रह गए. अमेरिका भर-भरकर हथियार देता रहा और जेलेंस्की अमेरिकी डॉलर्स की खैरात की आंच में अपने ख्याली पुलाव पकाते रहे. इस तरह एक दूसरे को सबक सिखाने के चक्कर में कई महिलाएं विधवा हो गईं, हजारों बच्चे अनाथ हो गए और लाखों लोग विस्थापित हो गए. दोनों बर्बादी के कगार तक आ गए (बल्कि यूक्रेन तो आ ही गया) लेकिन न यूक्रेन ने घुटने टेके और ना ही पुतिन ने मन बदला. उधर ट्रंप जो अर्जुन की तरह केवल मछली की आंख (राष्ट्रपति पद) पर नजर रखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने का दावा कर रहे थे, अब लग रहा है कि उनकी कोशिश रंग लाने वाली हैं क्योंकि यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) रोकने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है.
यूरोप की निगरानी में बातचीत
न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और रूस के अधिकारी यूक्रेन में शांति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर वार्ता के लिए उच्च स्तरीय दल बनाकर चर्चा करने लगे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के हवाले से बताया जा रहा है कि अमेरिकी-रूसी अधिकारी दूतावास में कर्मचारियों की बहाली पर सहमत हो गए हैं. रुबियो ने कहा, 'यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए सभी पक्षों की सहमति जरूरी होगी और यूरोप वार्ता का हिस्सा होगा.'
अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव?
रूस और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों ने मंगलवार को सऊदी अरब में मुलाकात के दौरान संबंधों को सुधारने तथा यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू करने पर चर्चा की. यह बातचीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है. इस बैठक में कोई भी यूक्रेनी अधिकारी मौजूद नहीं था और यह बैठक ऐसे समय में हुई जब संकटग्रस्त देश धीरे-धीरे लेकिन लगातार रूसी सैनिकों के खिलाफ अपनी जमीन खो रहा है. युद्ध को चलते हुए इसी महीने की तीन साल पूरे होने वाले हैं.
उखड़ गए जेंलेस्की ने दी धमकी
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को लग रहा है कि उनके साथ चीटिंग हो रही है. ऐसे में यूक्रेन के साथ नाइंसाफी की आशंका पाले जेलेंस्की ने कहा कि अगर कीव इस पीस डील की बातचीत में शामिल नहीं लेता है, तो उनका देश इस सप्ताह की वार्ता में लिए गए किसी भी फैसले को स्वीकार नहीं करेगा. यूरोपीय सहयोगियों ने भी चिंता जताई है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है.
बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इस बैठक के जरिये दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद थी, जो पिछले कुछ दशकों में बेहद खराब हो गए थे.
पुतिन-ट्रंप की बैठक का बन रहा माहौल
रुबियो ने बैठक के बाद ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि दोनों पक्ष वाशिंगटन और मॉस्को में अपने-अपने दूतावासों में कर्मचारियों की बहाली करने पर सहमत हुए हैं, ताकि यूक्रेन शांति वार्ता, द्विपक्षीय संबंधों और व्यापक रूप से सहयोग का समर्थन करने के लिए मिशन बनाए जा सकें. इस बैठक का उद्देश्य ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का मार्ग प्रशस्त करना भी था.
बातचीत खत्म होने के बाद पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने रूस के ‘चैनल वन’ को बताया कि उस समिट के लिए अब तक कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन इसके अगले सप्ताह होने की ‘संभावना’ नहीं है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव से जब पूछा गया कि सहयोगी देशों की चिंता है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है, तो उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि बातचीत का फोकस तो ‘अमेरिका-रूस संबंधों की संपूर्ण शृंखला को बहाल करने और यूक्रेनी समझौते पर संभावित वार्ता की तैयारी करने और दोनों राष्ट्रपतियों की बैठक आयोजित करने’ पर है. (एपी)