चर्च में छिपा मिला ऐसा खजाना, देखकर चौंधिया गईं शोधकर्ताओं की आंखें, द्वितीय विश्व युद्ध से है संबंध
Advertisement
trendingNow12600972

चर्च में छिपा मिला ऐसा खजाना, देखकर चौंधिया गईं शोधकर्ताओं की आंखें, द्वितीय विश्व युद्ध से है संबंध

World War 2 treasure: द्वितीय विश्‍वयुद्ध के कारण दुनिया ने बहुत कुछ झेला. उस समय कई देशों ने अपने खजाने छिपा दिए थे. ऐसा ही एक शाही खजाना अब सामने आया है, जो चर्च से बरामद हुआ है.

चर्च में छिपा मिला ऐसा खजाना, देखकर चौंधिया गईं शोधकर्ताओं की आंखें, द्वितीय विश्व युद्ध से है संबंध

Treasure found in Church: यूरोपियन देश लिथुआनिया के एक चर्च में एक ऐसा खजाना मिला है, जो द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के बाद से गायब था. सीएनएन के अनुसार यह बेहद कीमती खजाना लिथुआनिया में विनियस कैथेड्रल में मिला है. खजाने में पोलैंड के राजा और लिथुआनिया के ग्रैंड ड्यूक अलेक्जेंडर जगियेलोन या एलेक्जेंडरस जोगैलाइटिस (1461-1506) का एक मुकुट भी शामिल है. इसके अलावा चेन, पदक, अंगूठी, राजदंड, एक अन्‍य मुकुट और ताबूत की पट्टिकाएं समेत कई चीजें मिली हैं.

ये भी पढ़ें-  थाईलैंड के अब ऐसे दिन आ गए! टूरिज्म बढ़ाने के लिए अब खुलेआम होगा ये 'काम'

राजाओं के ताबूत से जुड़े प्रतीक

विनियस आर्कबिशप गिंटारस ग्रुशस के अनुसार, इस खजाने में लिथुआनिया और पोलैंड के राजाओं के ताबूत से जुड़े प्रतीक चिह्न हैं, जो लिथुआनियाई राज्य की लंबी परंपरा के प्रतीक हैं. इसके अलावा कई कीमती गहने भी हैं. हो सकता है कि इन कलाकृतियों को राजघराने के लोगों को दफनाते समय उनके ताबूतों के अंदर रखा गया होगा. यह उस समय की दफनाने और सम्मान देने की प्रथाओं को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें: इस देश पर दस्‍तक दे रही महाप्रलय! आ गई खत्‍म होने की तारीख, निवासियों को...

विनियस चर्च की निदेशक रीता पॉलियुकेविसिटे ने कहा, यह खोज और इसमें मिले प्रतीक राज्य और हम सभी के लिए विशेष महत्व रखते हैं, क्योंकि यह लिथुआनिया के ग्रैंड डची के अभिजात वर्ग के कब्रिस्तान के रूप में विनियस कैथेड्रल के स्थान को दर्शाती है. साथ ही यह हमारी यूरोपीय पहचान और जड़ों की ताकत का संकेत भी हैं.

यह भी पढ़ें: हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी लो, घर जाकर बच्‍चे पैदा करो...90 घंटे काम की बहस के बीच सरकार की नई योजना

1931 में खोजे गए थे पहली बार

अब जो प्राचीन चीजें खजाने में मिली हैं इन्‍हें पहली बार 1931 में खोजा गया था, जब वसंत की बाढ़ के बाद कैथेड्रल को साफ किया जा रहा था. इस सफाई में शासकों के अवशेषों से भरा पूरा एक तहखाना सामने आया था. इसके बाद 1939 तक उन्‍हें प्रदर्शन के लिए भी रखा जाता था. लेकिन द्वितीय विश्‍वयुद्ध को देखते हुए उन्‍हें फिर से छिपा दिया गया था, जो अब शोधकर्ताओं को मिले हैं.

फिर से आएंगी जनता के सामने

एंडोस्कोपिक कैमरों की मदद से इन कलाकृतियों को बीते दिसंबर में फिर से खोजा गया, जो सितंबर 1939 के समाचार पत्रों में लपेटी हुईं मिली हैं. जरूरी जांच के बाद एक बार फिर इन्‍हें जनता के सामने प्रदर्शित किया जाएगा.

Trending news