Congo: कांगो में कहर बरपा रहे विद्रोही, बहाया जा रहा पीसकीपर्स का खून; भारत की भी एक टुकड़ी रहती है यहां
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Congo: कांगो में कहर बरपा रहे विद्रोही, बहाया जा रहा पीसकीपर्स का खून; भारत की भी एक टुकड़ी रहती है यहां

Congo Rebel Attack: कांगो में विद्रोहियों के बढ़ते आतंक के बीच भारतीय शांति रक्षक भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन (MONUSCO) के तहत यहां भारत के 1,910 सैनिक तैनात हैं (2022 के PIB के आंकड़े के मुताबिक).

Congo: कांगो में कहर बरपा रहे विद्रोही, बहाया जा रहा पीसकीपर्स का खून; भारत की भी एक टुकड़ी रहती है यहां

Congo Rebel Attack: कांगो में विद्रोहियों के बढ़ते आतंक के बीच भारतीय शांति रक्षक भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन (MONUSCO) के तहत यहां भारत के 1,910 सैनिक तैनात हैं (2022 के PIB के आंकड़े के मुताबिक). ये सैनिक न केवल शांति स्थापित करने में बल्कि मानवीय सहायता प्रदान करने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. कांगो में जारी संकट ने इन सैनिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. विद्रोही समूहों के हमले और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के बावजूद भारतीय शांति रक्षक अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. यह मिशन भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता और शांति स्थापना में उसकी भूमिका को दर्शाता है.

कांगो में विद्रोहियों का आतंक

कांगो इस समय विद्रोहियों के हमलों से जूझ रहा है. एम23 विद्रोही समूह ने हाल के दिनों में देश के पूर्वी हिस्से में बड़े पैमाने पर कब्जा कर लिया है. इस दौरान विद्रोहियों और सेना के बीच जारी लड़ाई में 13 शांति रक्षक और विदेशी सैनिक मारे जा चुके हैं. हजारों नागरिक अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए हैं.

एम23 विद्रोही समूह कौन हैं?

एम23 विद्रोही समूह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के पूर्वी हिस्से में सक्रिय एक बड़ा विद्रोही संगठन है. इसे कांगोई क्रांतिकारी सेना के नाम से भी जाना जाता है. यह समूह मुख्य रूप से तुत्सी समुदाय के लोगों से बना है, जो एक दशक पहले कांगो की सेना से अलग हो गया था. विद्रोही समूह ने हाल के दिनों में गोमा शहर के आसपास के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है.

गोमा शहर पर मंडरा रहा खतरा

गोमा लगभग 20 लाख की आबादी वाला शहर है और एक महत्वपूर्ण सुरक्षा और मानवीय सहायता केंद्र है. अब यह विद्रोहियों के घेरे में है. हाल ही में विद्रोहियों ने गोमा के पास के साके शहर पर कब्जा कर लिया. सेना और शांति रक्षकों की संयुक्त कोशिशों के बावजूद विद्रोही लगातार आगे बढ़ रहे हैं.

विद्रोहियों को रवांडा का समर्थन?

कांगो, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट्स का आरोप है कि एम23 विद्रोही समूह को रवांडा का समर्थन मिल रहा है. हालांकि, रवांडा ने इस आरोप को खारिज किया है लेकिन उसने यह स्वीकार किया है कि उसकी सेना और मिसाइल सिस्टम कांगो में मौजूद हैं.

शांति रक्षकों पर बढ़ा खतरा

कांगो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के दो शांति रक्षक और एक उरुग्वे के सैनिक मारे गए. इसके अलावा मलावी के तीन और दक्षिण अफ्रीका के सात सैनिक भी विद्रोहियों के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं.

भारत के शांति रक्षकों की तैनाती

PIB के 2022 में जारी आंकड़ों के मुताबिक कांगो में संयुक्त राष्ट्र के मिशन (MONUSCO) के तहत भारत के 1,910 शांति रक्षक तैनात हैं. भारतीय सैनिक वहां शांति स्थापित करने और मानवीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारत दशकों से संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है और भारतीय सैनिक अपनी बहादुरी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. भारतीय टुकड़ी में सेना के अलावा चिकित्सा और इंजीनियरिंग एक्सपर्ट भी शामिल हैं जो स्थानीय समुदायों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद करते हैं.

एम23 के कारण बढ़ता संकट

एम23 विद्रोही समूह की गतिविधियों ने कांगो में मानवीय संकट को और गहरा दिया है. हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और गोमा जैसे बड़े शहर पर खतरा मंडरा रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई है लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. भारत के लिए यह स्थिति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके सैनिक वहां तैनात हैं.

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