पाकिस्तान के पास 30 दिन फिर कब्ज़ा करेगा चीन? अवाम के मन में खौफ की वजह जानिए
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पाकिस्तान के पास 30 दिन फिर कब्ज़ा करेगा चीन? अवाम के मन में खौफ की वजह जानिए

Pakistan news:  मामला ये है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों ने अपने देश को जिस चीन के पास गिरवी ऱखा था. उसकी मियाद खत्म होने वाली है.लिहाज़ा चीन ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम दे दिया है कि वो अपनी सेना को बलोचिस्तान में तैनात करेगा.

पाकिस्तान के पास 30 दिन फिर कब्ज़ा करेगा चीन? अवाम के मन में खौफ की वजह जानिए

Pakistan China Relations: पाकिस्तान को भस्मासुर क्यों कहा जा रहा है? इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान के पास बचे हैं सिर्फ 30 दिन. फिर पाकिस्तान पर कब्जा करेगा चीन! दरअसल वही चीन जिसपर पाकिस्तान आंख मूंदकर भरोसा करता रहा है, उसके लिए कहा जा रहा है कि चीन ने शहबाज़ शरीफ के साथ विश्वासघात कर दिया है. साफ-साफ बोला है या तो कर्जे की किस्त दो या पाकिस्तान में चीन की सेना तैनात करो. अब हालात इतने खराब हैं कि पाकिस्तानी इंडिया-इंडिया चिल्ला रहे हैं.

'पाकिस्तानी चीन को कोस रहे हैं'

पाकिस्तान में चीन के लिए कहा जा रहा है- 'क्या हुक्म है मेरे आका' वाली नौबत आ गई है. बस यही शब्द अब पाकिस्तान की तकदीर बनने वाले हैं. पाकिस्तान के 24 करोड़ लोग सुबह-शाम उठते-बैठते बस यही शब्द कहने वाले हैं. हुक़्म मेरे आका.. मैं तेरा गुलाम हूं आका...

अब सवाल ये है कि पाकिस्तानियों पर आखिर कौन सी आफ़त टूट पड़ी हैं? क्यों उनके गुलाम बनने की बात कही जा रही है और क्यों इससे बचने के लिए वो इंडिया-इंडिया चिल्ला रहे हैं.

एक यूट्यूबर के शो में पहुंचे शख्स ने कहा - 'पाकिस्तान कुछ भी नहीं दे सकता है, पहले पाकिस्तान अपने लोगों को कुछ दे.'
दूसरे ने कहा - 'वो तो अपने रूट को सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तान पर पैसा लगा रहा था. ग्वादर पोर्ट किधर है, सी-पैक का मंसूबा तो ग्वादर पोर्ट के साथ ही कनेक्ट होता है ना.
तीसरे ने कहा- 'अंडरवियर तक अगर हम चाइना से मंगवा रहे हैं तो हमारे लिए सोचने वाली बात है.'
चौथे ने कहा- 'अगर मुझे इंडिया का वीजा मिलेगा, तो मैं इंडिया चला जाऊंगा.'

दरअसल. मामला ये है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों ने अपने देश को जिस चीन के पास गिरवी ऱखा था. उसकी मियाद खत्म होने वाली है.लिहाज़ा चीन ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम दे दिया है कि वो अपनी सेना को बलोचिस्तान में तैनात करेगा.

पाकिस्तानी एक्सपर्ट नज़म सेठी का कहना है कि सारी चाइनीज़ गतिविधियां रुक गई हैं. वो कह रहे हैं कि हमारी सिक्योरिटी का मसला हल करें. पहले तो ये कहा गया था कि आप बिना आर्म्ड व्हिकल के हिल नहीं सकते हैं. अब जितनी सुरक्षा उन्हें चाहिए वो तो हमारी मौजूदा सरकार मुहैया भी नहीं करा सकती है. ये 10 से ज़्यादा चाइनीज इंजीनियर और कर्मचारी हैं, तो इसके लिए तो पूरी एक फोर्स चाहिए.

इधर कुआं-उधर खाई

अब मुश्किल ये है कि पाकिस्तान में चीन के करीब 10 लाख इंजीनियर और कर्मचारी हैं. जबकि इतनी तो पाकिस्तान के पास सेना भी नहीं है. अगर पाकिस्तान अपनी सारी सेना चाइनीज प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा में लगा देता है, तो फिर-

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पाकिस्तानी सांसद कह रहे हैं कि हकूमत की पॉलिसी बताएं कि बलूचिस्तान को किस तरह हैंडल किया जा रहा है. इनके हाथ से बलोचिस्तान निकला जा रहा है. आज बलोचिस्तान की पूरी आवाम महरंग बलोच के साथ है. एक खातून, बेचारी एक बच्ची और इसके खिलाफ ये लोग प्रोपेगेंडा शुरू किए हुए हैं. बहुत अफसोस है,  खुदा के लिए इस मुल्क पर रहम करें. मैं तो देख रहा हूं कि ये देश किस जंग की तरफ जा रहा है.

आपको बता दें कि जिस महरंग बलोच का जिक्र पाकिस्तानी सांसद ने किया. उस महरंग बलोच ने बलोचिस्तान की आज़ादी के लिए मुहिम छेड़ रखी है. 30 साल की महरंग की एक आवाज़ पर ना सिर्फ बलोचिस्तान बल्कि पाकिस्तान के दूसरे शहरों से भी भीड़ जुट जाती है. महरंग बलोच, बलोचिस्तान में चीन सी-पैक प्रोजेक्ट के सख़्त खिलाफ है. महरंग का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने बलोचिस्तान को चीन के पास गिरवी रख दिया है.

बलोचों में चीन और पाकिस्तान सरकार को लेकर जो गुस्से की आग हद से ज़्यादा बढ़ चुकी है. बस इसी से निपटने के नाम पर चीन अपनी सेना बलोचिस्तान में तैनात कर देना चाहता है. ताकि कर्ज में फंसे पाकिस्तान पर स्थायी कब्जा कर लिया जाए. इसी आशंका से पाकिस्तानियों का कलेजा कांपने लगा है.

एक पाकिस्तानी ने कहा- 'मुझे भी ऐसा लग रहा है कि तकनीकी तौर पर चीन का कब्जा हो जाएगा पाकिस्तान पर, एक तरह से वो बिजनेस तो ला रहे हैं, रोजगार तो ला रहे हैं, लेकिन एक तरह से वो कब्जा भी किए जा रहे हैं. जहां पर भी वो प्रोजेक्ट लगा रहे हैं तो वो सारा एरिया और उसे प्रोटेक्ट करने के नाम पर कब्जाते जा रहे हैं. अगर हम अपनी हिस्ट्री देखें तो ब्रिटिश भी यहां मसाले का बिजनेस करने के लिए आए .'

पाकिस्तान की हालत खस्ता

बता दें कि पाकिस्तान ने पूरी दुनिया से करीब 100 अरब डॉलर का कर्ज ले रखा है.
इसमें से 30% कर्ज सिर्फ चीन से लिया हुआ है.
चीन ने 5 लाख करोड़ का कर्ज सिर्फ सी-पैक प्रोजेक्ट के लिए ले रखा है. 

चीन का महत्वकांक्षी सी-पैक प्रोजेक्ट चीन से बलोचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक जाता है. बलोचिस्तान के लोग पिछले काफी वक्त से इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. मगर चीन के कर्ज जाल में फंस चुका पाकिस्तान बलोच लोगों के विरोध को अनदेखा कर रहा है. 

पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काज़मी कहती हैं कि हर वक्त कश्मीर-कश्मीर करते रहते हैं, अगर इसकी आधी चिंता भी इन्हें अगर बलोचिस्तान के लिए हो जाए तो ये काफी चीजों को ठीक कर लेंगे. अब ये कहना कि वो लोग हमसे अलग होना चाहते हैं. वो एक अलग बात है कि किस तरह बलोचिस्तान पर कब्जा किया गया. वो एक हिस्ट्री है हमारी और अब वो हिस्ट्री लोगों को पता भी लगती जा रही है. फिर भी अगर आप उनको अपने साथ जबरदस्ती रखना चाहते हो तो कम से कम उनका खाना-पानी तो बंद ना करो. उनको उनके हक तो दें.  उनकी चीजें निकाल-निकालकर बाकी सारे देश और दुनिया में ये लोग भेज देते हैं. तो वो कब तक सहेंगे.

असल में चीन की नज़र भी बलोचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर है. जिनके दोहन के लिए चीन अपने शिंजियांग प्रांत से बलोचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक सी-पैक प्रोजेक्ट बनाना चाहता है. पाकिस्तानियों को लगा कि सी-पैक के आने से पाकिस्तान में विकास की नदियां बहने लगेगी. बिना एक पैसा लगाए पाकिस्तान भारत से कहीं आगे निकल जाएगा. लेकिन उसे इस बात का एहसास नहीं था कि चीन मुफ्त में कुछ नहीं देता है.पाकिस्तानियों को पहला झटका तब लगा. जब इस प्रोजेक्ट के लिए इंजीनियर और कर्मचारी तक चीन अपने देश से ले आया और पाकिस्तानियों को सिर्फ मजदूर बनाकर छोड़ दिया.

जाहिर है चीन का जो डेवलपमेंट मॉडल है उसे बलूचिस्तान के लोग मानने को तैयार नहीं है. जबकि चीन इसपर अरबों डॉलर खर्च कर चुका है. स्थानीय बलूचों के विरोध प्रदर्शन और हमलों के कारण चीन को इस प्रोजेक्ट की फंडिंग बीच में ही रोकनी पड़ी है. चीन तब तक इसे चालू नहीं करेगा. जब तक वो अपने सुरक्षा के इंतजाम नहीं कर लेता.

वहीं बलोच नेता हाकिम बलोच खुला कह रहे हैं कि - बिना चीन के पैसे के पाकिस्तान ज़िंदा नहीं रह सकता है. पाकिस्तान का वजूद तभी बच सकता है जब उसे चीन से पैसा मिलता रहे. भले ही इसके लिए उसे बलोचिस्तान में अत्याचार क्यों ना करना पड़े. इस वजह से BLA भी चीन पर हमले कर रहा है. 

बता दें कि चीन का दखल पाकिस्तान में इतना बढ़ चुका है कि बलोचिस्तान ही नहीं,पाकिस्तान के दूसरे सूबों में भी चीन को लेकर बहुत नाराज़गी हैं. क्योंकि भारत से दुश्मनी की आड़ में पाकिस्तान चीन को इतना एक्सेस देता चला गया कि चीन ने पाकिस्तान के बाजार पर पूरी तरह कब्जा कर लिया.

कुल मिलाकर पाकिस्तान की हालात इस वक्त बेहद खराब है. पाकिस्तान के पास 7 से 21 दिन का ही फॉरेंन रिजर्व रह गया है. पाकिस्तान ने कर्ज के लिए IMF से गुहार लगा रखी है. मगर IMF की तरफ से अभी हरी झंडी नहीं मिली है. ऐसे में अगर पाकिस्तान बलोचिस्तान में चीन की सेना तैनात करने की मांग नहीं मानता है तो पाकिस्तान पर दबाव ज़्यादा बढ़ जाएगा. क्योंकि चाइनीज कर्जे की किश्त लौटने की हालत में वो है नहीं. लिहाज़ा सिवाए बलोचिस्तान में चाइनीज सेना के वेलकम के शहबाज सरकार के पास कोई चारा नहीं बचेगा. 

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