PM Modi America Tour: पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें फाइटर जेट बेचने की पेशकश की. उनकी इस पेशकश के बाद पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. पड़ोसी मुल्क ने कहा कि यह कदम दक्षिण एशिया में स्थायी शांति प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेगा.
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PM Modi America Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती की चर्चा दुनियाभर में होती रहती है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान ट्रंप ने उन्हें फाइटर जेट बेचने की पेशकश की. अमेरिका की इस पेशकश के बाद पड़ोसी मुल्क बौखला गया है. पाकिस्तान ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को बाधित करेगा, रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करेगा. इसके अलावा जानिए क्या और प्रतिक्रिया आई है.
इस ऑफर के बाद पाकिस्तान ने कहा कि यह कदम दक्षिण एशिया में स्थायी शांति प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेगा.ऐसे कदम सैन्य असंतुलन को बढ़ाते हैं और रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) के प्रवक्ता ने कहा "वे दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक नहीं हैं. हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर समग्र और वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने और एकतरफा और जमीनी हकीकत से अलग रुख अपनाने से बचने का आग्रह करते हैं.
बता दें कि ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, "इस साल से, हम भारत को कई अरब डॉलर की सैन्य बिक्री बढ़ाएंगे और भारत को F35, स्टेल्थ लड़ाकू विमान प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं.
इसे लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "भारत को सैन्य बिक्री पर, एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्लेटफ़ॉर्म हासिल किए जाते हैं। ज़्यादातर मामलों में, प्रस्तावों के लिए अनुरोध किया जाता है. उन पर प्रतिक्रियाएं होती हैं. उनका मूल्यांकन किया जाता है. मुझे नहीं लगता कि भारत द्वारा उन्नत विमानन प्लेटफ़ॉर्म के अधिग्रहण के संबंध में, वह प्रक्रिया अभी शुरू हुई है. इसलिए, यह वर्तमान में एक प्रस्ताव के क्रम में है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस संबंध में औपचारिक प्रक्रिया अभी शुरू हुई है.
भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा सहयोग के लिए एक नई पहल, स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (ASIA) का अनावरण किया है, जिसका उद्देश्य उद्योग साझेदारी को बढ़ाना और स्वायत्त प्रणालियों के उत्पादन को बढ़ाना है जो अगली पीढ़ी के रक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देगा. भारत और अमेरिका ने वायु, भूमि, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस सहित विभिन्न क्षेत्रों में सैन्य सहयोग के विस्तार पर भी चर्चा की, जिसमें नवीनतम तकनीकों को शामिल करते हुए उन्नत प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन पर जोर दिया गया.
दोनों नेताओं ने आगामी "टाइगर ट्रायम्फ" त्रि-सेवा अभ्यास पर भी प्रकाश डाला, जो भारत में आयोजित किया जाएगा और अपने पिछले संस्करणों की तुलना में बड़े पैमाने और जटिलता में होगा. विदेशों में सैन्य तैनाती का समर्थन करने के मामले में, भारत और अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक में रसद, खुफिया जानकारी साझा करने और सेना की गतिशीलता में सुधार करने के लिए प्रतिबद्धता जताई. ये दोनों देशों के बीच "सैन्य साझेदारी, टेक्नोलॉजी" में बदलाव लाने के लिए पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा शुरू की गई "21वीं सदी के लिए यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट" पहल के अंतर्गत आते हैं. (एएनआई)