ग्वादर में हर साल 2 लाख पाकिस्तानी गधे कत्ल किए जाएंगे? पाकिस्तान में मचा बवाल
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ग्वादर में हर साल 2 लाख पाकिस्तानी गधे कत्ल किए जाएंगे? पाकिस्तान में मचा बवाल

Pakistan News: पाकिस्तान में एक बार फिर गधा कांड हो गया. इस्लामाबाद से लेकर लाहौर तक और कराची से लेकर रावलपिंडी तक हर जगह बस गधा-गधा गूंज रहा है.

ग्वादर में हर साल 2 लाख पाकिस्तानी गधे कत्ल किए जाएंगे? पाकिस्तान में मचा बवाल

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को जब किसी ने भीख नहीं दी. तो उन्होंने राष्ट्रपति जरदारी को चीन भेजा था. उम्मीद तो की गई थी कि जरदारी के राष्ट्रपति पद का सम्मान करते हुए पाकिस्तान को कर्जा चुकाने के लिए कुछ तो मोहलत मिल ही जाएगी. लेकिन जिनपिंग ने तो ज़रदारी को गधा कसाई बना दिया. अब जिनपिंग ने सुनाया एक ऐसा फरमान, जिससे पाकिस्तानी गधों में त्राहिमाम मच गया  है. 

पाकिस्तानी गधों पर छिड़ा संग्राम

पाकिस्तानी लोग कह रहे हैं कि गधा भी तो हराम है ना, हम भी तो बेच रहे हैं ना, तो अब फतवा कहां है. इनकी प्राथमिकता गधे हैं, शायद ये मुल्क में गधों को ही देखना चाहते हैं. ये साधारण गधे ना खरीदें चीन वाले, जो ख़ास, जो बड़े हैवी गधे हैं ना वो पार्लियामेंट से मिलेंगे. इंडिया वाले क्या बेच रहे हैं, आईफोन बना-बनाकर, लैपटॉप बना-बनाकर, जहाज बना-बनाकर और हम गधे बेच रहे हैं. 

लेकिन सवाल ये है कि आखिर इसकी वजह क्या है?

तो वजह बने हैं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी. जो सूटबूट पहनकर बड़ी शान से पाकिस्तान गए थे. कोशिश थी कि चीन के राष्ट्रपति को पाकिस्तान में उनकी सेना नहीं तैनात करने के लिए मना लेंगे. लेकिन मनाना तो छोड़िए पाकिस्तानी राष्ट्रपति तो पाकिस्तानी गधों की सुपारी लेकर आ गए. खबर है कि चीनियों की भूख मिटाने के लिए पाकिस्तान ने गधा बलि का ऐलान कर दिया है और इसके लिए ग्वादर में सबसे बड़ा स्लॉटर हाउस खोल दिया है. जिसमें दिन रात अब पाकिस्तानी गधे मारे जाएंगे.

पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काज़मी ने कहा, 'सरकार की तरफ से इसकी इजाजत दी गई है, लेकिन हमारे धर्म में तो ये हराम है, तौबा-तौबा...हम लोग सिवाए ड्रग्स और ड्रिंक, हार्ड ड्रिंक के कुछ ऐसी चीज नहीं खाते हैं जो हमारे धर्म में मना है. तो जी गधे खाना मना है, अब करें तो क्या करें, इतने गधे हमारे यहां हैं, भेज-भेजकर, भेज-भेजकर चीन हम थक गए, हमारे गधे खत्म ही नहीं हो रहे, अब चीन वाले भी रिसीव कर-करके थक गए तो फिर उन्होंने कहा कि हमारे लोग जो चीन जाते हैं तुम उन्हें ही वहां पर काट-पीटकर टिक्का-शिक्का बनाकर खिला दो. 

पाकिस्तान में अभी 60 लाख के करीब गधे मौजूद हैं. चीन की नज़र इन गधों पर काफी पहले से हैं. लेकिन अब तक वो पाकिस्तानी गधों का सिर्फ आयात करता था. मगर बात अब आगे बढ़ चुकी है वो अब इन गधों को पाकिस्तान में ही मरवाना चाहता है. पक्की ख़बर है कि ग्वादर में हर साल 2 लाख पाकिस्तानी गधे कत्ल किए जाएंगे.

पाकिस्तानी यू-ट्यूबर निमरा अहमद ने कहा, 'अच्छा हमारे मौलवी साहब कहां हैं, जब सऊदी अरब ने कहा कि हम शराब बेचेंगे गैर-मुस्लिम को तो फतवा जारी कर दिया गया, कुछ भी होता है फतवा जारी हो जाते हैं, अब गधा भी तो हराम है ना, हम भी तो बेच रहे हैं ना, तो अब फतवा कहां है.

पाकिस्तानी भी गधे को हराम मानते हैं. लेकिन पाकिस्तान के कर्ज जाल में फंस चुकी शहबाज सरकार के पास कोई रास्ता नहीं बचा है. उसे अपने गधे चीन के हवाले करने ही पड़ेंगे, जिंदा या मुर्दा. लिहाज़ा इस बात में कोई शक-शुबा नहीं है कि जिस पाकिस्तान में गधा हराम माना जाता है. 

'गधा कांड' पर मौलवी चुप क्यों हैं?

गधा भी हराम है इस्लाम के अंदर और हम उसे काट-काटकर बेच रहे हैं. तो इसपर कोई आवाज़ क्यों नहीं उठा रहा है. अपने मतलब के लिए ना इनके लिए हर चीज हलाल हो जाती है. जब इन्हें अपना उल्लू सीधा करना हो ना तो गधे भी हलाल हो जाते हैं, सब चीज फिर ठीक हो जाती है.

'गधा संहार' से मिटेगी गरीबी?

जब दुनिया के दूसरे मुल्क सुअर का गोश्त बेच रहे हैं, मछलियां बेच रहे हैं, बकरे, दुंबे, ये गोश्त का कारोबार हो रहा है ना, अगर आपके मुल्क में ये ताकत है तो आप इसे यूज करें और अगर आप गधों को कारोबार में इस्तेमाल कर सकते हो. आपको बता दें कि पाकिस्तान की तरह चीन की नज़र अफ्रीकी गधों पर भी थी.

मगर अफ्रीकी देशों ने अपने गधों की हत्या को गैर-कानूनी घोषित कर दिया. लेकिन पाकिस्तान ठहरा कंगाल और लालची मुल्क. उसे जब अपनी आवाम की ही चिंता नहीं तो फिर गधों की फिक्र कहां से होगी.

हुक्मरान गधों के 'गुनहगार' 

बंदा बस अपना सिर ही पीट सकता है. इसके अलावा तो बंदा कुछ कर नहीं सकता है कि इनकी प्राथमिकता गधे, शायद ये मुल्क में गधों को ही देखना चाहते हैं. वो अपनी ही जो जेंडर है उसे प्रोमोट करना चाह रहे हैं. मतलब वो गधों को प्रॉक देना चाह रहे हैं, वो ये नहीं चाह रहे हैं कि कोई क्रिएटिव माइंड मुल्क में पैदा हो, मुल्क में कुछ बेहतरी हो. एजुकेशन में कुछ बेहतरी हो, वो सिर्फ गधे पैदा करना चाह रहे हैं.

दरअसल पाकिस्तान चीन के कर्ज में बुरी तरह फंस चुका है. चीन ने पाकिस्तान को 28.786 बिलियन डॉलर से ज़्यादा का कर्ज दे रखा है. बताते हैं कि  चीन पर दुनियाभर का जितना भी कर्ज है उसमें से 22 फीसदी अकेले चीन ने दे रखा है. पाकिस्तान इस हालत में भी नहीं है कि कर्जे की किश्त भी दे सके. जिनपिंग जब भी पाकिस्तान से कर्जा मांगते हैं. पाकिस्तानी हुक्मरान दूसरे हाथ में पकड़ा कटोरा फैला देते हैं. फिर गधाखोर चीन पाकिस्तानी गधों से अपना कर्जा वसूल करता है.

पाकिस्तान गधे पैदा करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुल्क है. अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी वो पाकिस्तान की गधे वाले भूख को कम नहीं कर पा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक चीन में हर साल 60 लाख से ज़्यादा गधों की हत्या कर दी जाती है. 

क्योंकि चीन में गधे का ताकत की दवाई बनाई जाती है.
गधों का मांस चीन के रेस्टूरेंट में परोसा जाता है.
गधों के अंगों का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है.
और गधी का दूध भी महंगे दाम पर बेचा जाता है.

दावा किया जाता है कि 2 साल पहले तक चीन में गधों की तादाद 8 लाख के करीब थी. मगर गधाखोर चीन एक-एककर गधों को निगलता गया. इसके बाद उसकी नज़र पाकिस्तानी गधों पर आकर टिक गई. अब चीन भी जानता है कि पाकिस्तान बाल-बाल कर्जा में डूबा है. वो गधे तो क्या अपने आवाम को भी मरवाने के लिए तैयार हो जाएगा.

कोई भी हो किसी हाल में हो, इंसान हो या जानवर? पाकिस्तान में किसी की भी अच्छी नहीं है. दबाव अब पाकिस्तानी हुक्मरानों पर भी होगा. क्योंकि कर्जे की किस्त से बचने के लिए वो जिनपिंग से गधों का सौदा तो कर आए. मगर क्या चीन की भूख शांत करने के लिए इतने गधे पैदा कर पाएंगे.

 

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