Pakistan: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जब-जब संकट में आती है, सऊदी अरब उसकी मदद के लिए आगे आता है. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है. इसके पहले भी सऊदी ने पाकिस्तान को हर बार बचाया है. जानें इस बार क्या सऊदी ने कर दी मदद तो पाकिस्तान हो गया खुश.
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Pakistan signs agreement for Saudi oil: पाकिस्तान में आर्थिक संकट किस तरह गहराया हुआ है. यह किसी के लिए कोई नहीं खबर नहीं है. जिस देश में लोग आटे के लिए सड़कों पर आपस में लड़ रहे हैं. उसी देश को दुबई ने बहुत बड़ी राहत दी है. जिसके बाद पाकिस्तान की सरकार सऊदी सरकार की जमकर तारीफ कर रही है. पाकिस्तान का खजाना लगभगल खाली है, वहां की नई सरकार किसी तरह मुल्क को बर्बाद होने से बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. चाहे चीन के साथ समझौता हो या दुबई के साथ. पाकिस्तान को किसी भी तरह फायदा होता दिखे, उसे समझौता करने में देरी नहीं लगती. तभी तो पाकिस्तान पीएम के अधिकारी दुबई का शुक्रिया कर रहे हैं. जानें पूरा मामला.
1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का मामला
पाकिस्तान सरकार ने सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट (एसएफडी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत तेल आयात पर 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान एक साल के लिए स्थगित किया जाएगा. रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि पाकिस्तान और एसडीएफ ने सोमवार को एक बिलियन डॉलर से अधिक के दो वित्तपोषण समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों में एक साल के लिए 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य का "सऊदी अरब से तेल आयात के लिए स्थगित भुगतान" और 41 मिलियन अमरीकी डॉलर की राशि के "मानसेहरा में ग्रेविटी फ्लो वाटर सप्लाई स्कीम का निर्माण" शामिल है.
पाकिस्तान ने दुबई से किए समझौते
आर्थिक मामलों के सचिव डॉ. काज़िम नियाज़ और सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुल्तान अब्दुलरहमान अल-मरशाद ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस हस्ताक्षर समारोह में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सऊदी राजदूत नवाफ़ बिन सईद अल-मल्की सहित अन्य लोग मौजूद थे.
प्रधानमंत्री शहबाज ने किया शुक्रिया
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज ने तेल आयात वित्तपोषण सुविधा पर हस्ताक्षर का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को एक वर्ष के लिए आस्थगित भुगतान पर तेल मिलेगा. पीएमओ ने कहा, "यह परियोजना तत्काल राजकोषीय बोझ को कम करते हुए पेट्रोलियम उत्पादों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करके पाकिस्तान की आर्थिक लचीलापन को मजबूत करेगी."
पाकिस्तान को क्या मिलेगा फायदा?
सऊदी अरब से पेट्रोलियम उत्पाद पाकिस्तान के आयात बिल का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं. भुगतान को स्थगित करने की सऊदी सुविधा इस्लामाबाद को मार्च में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 बिलियन अमरीकी डालर की पहली समीक्षा से पहले अपने विदेशी भंडार को बढ़ाने में मदद कर सकती है. सऊदी अरब में पाकिस्तानी सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक हैं, जहां 2023 तक अनुमानित 2.64 मिलियन लोग काम कर रहे हैं. जबकि उनमें से 97 प्रतिशत ब्लू-कॉलर श्रमिक हैं, किंगडम में कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग है क्योंकि यह विज़न 2030 योजना के तहत अपनी अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण करना चाहता है.
हर बार पाकिस्तान की जान बचा लेता है सऊदी
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कराची की आईबीए यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर हुमा बक़ाई कहती हैं, "इमरान ख़ान और शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बनते ही सबसे पहले सऊदी अरब गए क्योंकि दोनों को ही तुरंत आर्थिक मदद की ज़रूरत थी. स्थिति चाहें जो भी हो, सऊदी अरब पाकिस्तान को सांस लेते रहने लायक मदद तो करता ही है." पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जब-जब संकट में आती है, सऊदी अरब उसकी मदद के लिए आगे आता है. पिछले साल जब पाकिस्तान मुश्किल आर्थिक संकट में फंसा था, डॉलर के मुक़ाबले उसका रुपया टूट रहा था और विदेशी मुद्रा भंडार ख़त्म हो रहा था तब सऊदी अरब ने ही आगे बढ़कर उसकी मदद की थी. इसके पहले सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 4.2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी थी. पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सऊदी दौरे के दौरान इस मदद की घोषणा की गई थी. ये मदद सस्ते क़र्ज़ और उधार तेल के रूप में थी. यानी पाकिस्तान में सरकार किसी की भी बने मदद के लिए सऊदी ही उनके लिए मांगने का दरवाजा है.