Pakistan News: पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की ओर से चीफ जस्टिस के पत्र लिखा गया है. इसमें विवादित 26वें संविधान संशोधन पर फैसला न होने तक नए जजों की नियुक्ति में देरी करने का आग्रह किया है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में 4 जजों ने चीफ जस्टिस ( CJP) याह्या अफरीदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें विवादित 26वें संशोधन पर फैसला होने तक नए जजों की नियुक्ति में देरी करने का अनुरोध किया है. बता दें कि पाकिस्तान में इस संविधान संशोधन को पिछले साल 2024 में पारित किया गया था. इसमें सरकार को हाई कोर्ट के जजों और CJP के जजों की नियुक्ति में ज्यादा अधिकार दिए गए थे.
संशोधन को दी चुनौती
आरोप है कि 26वें संविधान संशोधन के बाद की गई नियुक्तियों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में पसंदीदा जजों को नियुक्त करने का प्रयास किया जाता है. ऐसे में इस संशोधन को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं सुनाया गया है. चीफ जस्टिस याह्या अफरीदी को लिखे गए पत्र में न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति आयशा मलिक, न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर ने हस्ताक्षर किया है.
जल्दबाजी में न हो नियुक्ति
संशोधन को लेकर पत्र में एक उदाहरण भी दिया गया है, जिसमें उन 3 जजों को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की बात लिखी गई है, जिसके चलते उन्हें संविधान के अनुसार दोबारा शपथ लेनी पड़ी. जजों ने कहा,' मामले में पहले ही देरी हो चुकी है और मामले की अगली सुनवाई से पहले जल्दबाजी में कोई भी नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए.'
हाई कोर्ट से मांगा हस्तक्षेप
इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 3 जजों के स्थानांतरण से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इससे जजों की वरिष्ठता सूची ( Seniority List) में 15वें स्थान पर होने के बावजूद लाहौर हाई कोर्ट में से एक जज चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज बन गए. वह अब नए चीफ जस्टिस के रूप में विचार किए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं. ऐसे में ट्रांसफर से प्रभावित लोगों ने इस पर हाई कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है. फिलहाल अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.