Pakistan News: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान से पाकिस्तान में हलचल मच गई है.
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Pakistan News: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान से पाकिस्तान में हलचल मच गई है. इस बयान में पाकिस्तान का विशेष उल्लेख किया गया. जिससे इस्लामाबाद नाराज नजर आ रहा है. पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ अपने आतंकवाद-रोधी सहयोग का हवाला देते हुए इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने बयान जारी करते हुए कहा, "हम 13 फरवरी के भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में पाकिस्तान के संदर्भ को एकतरफा, भ्रामक और कूटनीतिक नियमों के खिलाफ मानते हैं. हमें आश्चर्य है कि अमेरिका के साथ आतंकवाद-रोधी सहयोग के बावजूद पाकिस्तान को इस तरह से पेश किया गया है."
आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सभी देशों को एक साथ मिलकर काम करना होगा. संयुक्त बयान में कहा गया, "दुनिया में कहीं भी आतंकवादी सुरक्षित पनाहगाह न बना सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है."
मुंबई हमलों के अपराधियों पर सख्ती
संयुक्त बयान में अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी देने की घोषणा की. इसके अलावा, पाकिस्तान से 26/11 मुंबई हमले और पठानकोट हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न हो.
तहव्वुर राणा और मुंबई हमले का कनेक्शन
तहव्वुर हुसैन राणा, जो पाकिस्तानी मूल का एक व्यवसायी है, पर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. राणा पर पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने का भी आरोप है. उसके संबंध पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से भी बताए जाते हैं, जो इस हमले का मास्टरमाइंड था.
अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों पर कड़ा रुख
भारत और अमेरिका ने अपने संयुक्त बयान में अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को भी इसकी गंभीरता को समझना चाहिए.
भारत को मिल रही सैन्य तकनीक से घबराया पाकिस्तान
पाकिस्तान को भारत को मिल रही नई सैन्य तकनीक को लेकर भी चिंता सता रही है. शफकत अली खान ने कहा, "भारत को अमेरिका द्वारा अत्याधुनिक सैन्य तकनीक सौंपे जाने से क्षेत्र में सैन्य असंतुलन बढ़ सकता है और इससे रणनीतिक स्थिरता प्रभावित होगी. यह दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए खतरा बन सकता है."
पाकिस्तान की हताशा साफ नजर आई
भारत और अमेरिका के इस साझा बयान के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहा है. अमेरिका और भारत का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन गया है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर पाकिस्तान की कूटनीतिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)