नरगिस मोहम्मदी को मिला साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार, इस देश की जेल में हैं कैद
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नरगिस मोहम्मदी को मिला साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार, इस देश की जेल में हैं कैद

Nargis Mohammadi: नोबेल की कमेटी ने माना है कि नरगिस मोहम्मदी ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाई है. वो 13 बार गिरफ्तार भी हुई हैं और अभी भी ईरान की जेल में बंद हैं. 

नरगिस मोहम्मदी को मिला साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार, इस देश की जेल में हैं कैद

Nobel Peace Prize Winners: ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने के लिए जेल में बंद कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार देने के घोषणा हुई है. नॉर्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने शुक्रवार को ओस्लो में पुरस्कार की घोषणा की है. 51 साल की नरगिस अब भी ईरान की जेल में कैद हैं. उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है. ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. 

मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा
दरअसल, ईरान में महिला उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए शुक्रवार को 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार एक महिला नरगिस मोहम्मदी को प्रदान किया गया है. यह घोषणा ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टीट्यूट द्वारा की गई. संस्थान ने कहा कि इस साल का शांति पुरस्कार उन लाखों लोगों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने पिछले साल ईरान के धार्मिक शासन की महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और उत्पीड़न की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

350 से ज्यादा लोग इस दौड़ में थे
बताया गया कि इस साल नामांकित व्यक्तियों के नाम गुप्त रखे गए थे, लेकिन कहा गया कि 350 से ज्यादा लोग इस दौड़ में थे. पिछले साल, यह पुरस्कार रूस के यूक्रेन पर चल रहे आक्रमण की पृष्ठभूमि पर 'शांति को बढ़ावा देने' के लिए रूसी मानवाधिकार समूह मेमोरियल, यूक्रेन के सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज और जेल में बंद बेलारूसी अधिकार अधिवक्ता एलेस बियालियात्स्की को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था.

अब तक विजेता- 110 व्यक्ति, 30 संगठन
बता दें कि 1901 में स्थापना के बाद से नोबेल शांति पुरस्कार 110 व्यक्तियों और 30 संगठनों को प्रदान किया गया है. पिछले विजेताओं में मलाला यूसुफजई और इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद शामिल हैं. कुछ संगठनों को कई बार पुरस्कार दिया गया है, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने इसे तीन बार जीता है, जबकि शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय को दो बार सम्मानित किया गया है.

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