USA News: दुर्लभ बीमारी से 'स्विस मक्खन' की तरह फेफड़ों में हो गए छेद, अमेरिका के शेफ की दर्दनाक मौत
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USA News: दुर्लभ बीमारी से 'स्विस मक्खन' की तरह फेफड़ों में हो गए छेद, अमेरिका के शेफ की दर्दनाक मौत

USA News in Hindi: अमेरिका में दुर्लभ बीमारी से एक शेफ के फेफड़ों में स्विस मक्खन की तरह छेद हो गए. कई दिनों तक बीमारी से जूझने के बाद शेफ की मौत हो गई.

 

USA News: दुर्लभ बीमारी से 'स्विस मक्खन' की तरह फेफड़ों में हो गए छेद, अमेरिका के शेफ की दर्दनाक मौत

Health Tips in Hindi: अमेरिका में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिससे हेल्थ एक्सपर्ट भी हैरान हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एक 29-वर्षीय शेफ को दुर्लभ फंगल बीमारी हो गई. इस बीमारी में उसके फेफड़ों में 'स्विस पनीर की तरह' छेद हो गए थे. कई दिनों तक बीमारी से जूझने के बाद आखिरकार शेफ ने दम तोड़ दिया. हेल्थ एक्सपर्ट हैरान हैं कि आखिर यह फंगल बीमारी कैसे हुई और इसका क्या निदान हो सकता है. 

ब्लास्टोमाइकोसिस नाम की हुई बीमारी

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के मिशिगन में रहने वाले इयान प्रिचर्ड को दिसंबर 2023 में ब्लास्टोमाइकोसिस नाम की बीमारी हो गई थी. यह बीमारी फंगस से होने वाली बीमारी है, जिसने उनके श्वसन तंत्र को निशाना बनाकर खराब कर दिया. इयान के पिता पिता रॉन प्रिचर्ड ने बताया, 'डॉक्टरों ने हमें उसके फेफड़ों की तस्वीर दिखाई थी. वे किसी स्विस चीज की तरह फटे हुए दिख रहे थे.'

मरीज से हटा लिया लाइफ सपोर्ट सिस्टम

गोफंडमी पेज के अनुसार, डेट्रॉइट अस्पताल में भर्ती प्रिचर्ड का पिछले सप्ताह शनिवार को लाइफ सपोर्ट हटा दिया गया. इसकी वजह ये थी कि ब्लास्टोमाइकोसिस फंगल संक्रमण ने इयान के फेफड़ों को इतना क्षतिग्रस्त कर दिया है कि उसका ठीक हो पाना नामुमकिन था. गोफंडमी पेज ने इयान के परिवार के लिए करीब 20,000 डॉलर जुटाए थे.

कमजोर लोगों को जल्दी पकड़ता है

इस बीमारी पर डेट्राइट के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने अपनी राय दी है. केंद्र के मुताबिक, जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनमें यह संक्रमण फेफड़ों से होकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, त्वचा और जोड़ों तक फैल जाता है.

सांस लेने में होती है दिक्कत

वर्ष 2005 में हुई स्टडी के मुताबिक ब्लास्टोमाइकोसिस से पीड़ित होने वाले 4 से 22 प्रतिशत संक्रमित लोग मौत का शिकार हो जाते हैं. ऐसे मरीजों फंगस ब्लास्टोमाइसेस के बीजाणुओं की वजह से सांस लेने में गंभीर दिक्कत होने लगती है, जिससे वह व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है और फिर दम तोड़ देता है. 

इन जगहों पर छिपा होता है वायरस

स्टडी के मुताबिक ब्लास्टोमाइसेस के बीजाणु मध्यपश्चिम और दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाली नम मिट्टी और सड़ने वाली लकड़ी- पत्तियों में रहते हैं. प्रिचर्ड कहते हैं कि यह फंगस, हवा, पेड़, गीली पत्ती, जमीन, कीचड़ समेत सभी जगह पाया जाता है. उत्तरी मिशिगन में मिडवेस्ट समेत यह हर जगह छुपा हुआ है. 

शरीर में दिखते हैं ये लक्षण

इस बीमारी पर हुई स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, यह संक्रमण आम तौर पर शरीर में प्रवेश करने के बाद 2 से 15 सप्ताह के भीतर विकसित हो जाता है. इस बीमारी से पीड़ित होने वाले लगभग आधे मरीजों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि इसका कोई इलाज नहीं है. फिर बीमारी का इलाज इट्राकोनाजोल जैसी एंटिफंगल दवाओं से किया जाता है. 

'लोग उससे प्यार करते थे'

प्रिचर्ड ने कहा कि उनके बेटे की दवाओं की कीमत लगभग 7,000 डॉलर मासिक थी. अपने बेटे को याद करते हुए प्रिचर्ड कहते हैं, 'वह एक अच्छा बच्चा था. उसे बहुत अधिक परेशानी नहीं हुई, उसे पालने में कोई परेशानी नहीं हुई," उसके पिता ने कहा. "लोग उसके भोजन को पसंद करते थे और उससे प्यार करते थे.'

(एजेंसी IANS)

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