अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहा है एक आरोपी अदालत में पासपोर्ट जमा होने के बावजूद वह अमेरिका भाग गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ जांच और गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इस मामले की सुनवाई के लिए दो जजों की बेंच ने अगली तारीख 19 फरवरी को मुकर्रर की है.
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दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे शख्स की जांच और गिरफ्तारी का आदेश दिया है, जो अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहा है. लेकिन उसका पासपोर्ट अदालत में जमा होने के बावजूद वह अमेरिका भाग गया था. न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने एडिशनल महाधिवक्ता के. एम. नटराज से अदालत की सहायता करने के लिए कहा है. बेंच ने महाधिवक्ता यह बताने को कहा कि उस शख्स को बिना पासपोर्ट के देश से बाहर कैसे जाने दिया गया.
बेंच ने कहा, 'हम इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी बिना पासपोर्ट के अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए कैसे रवाना हो सकता है, जबकि उसका पासपोर्ट इस अदालत के पास है. जो भी हो, अब हमारे पास कथित अवमाननाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.’
SC ने गृह मंत्रालय को दिया ये निर्देश
बेंच ने इसके बाद उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. यह व्यक्ति अपनी अलग रह रही पत्नी के साथ अपने बच्चे की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह मुलजिम को गिरफ्तार करने और उसे इंसाफ के दायरे में लाने के लिए कानून के तहत हर संभव कदम उठाए. यह आदेश तब आया जब अवमाननाकर्ता की तरफ से सानियर वकील विकास सिंह ने बताया कि वह विदेश चले गए हैं.
बेंच ने कहा, ‘इस संबंध में हम के एम नटराज, एएसजी से अनुरोध करते हैं कि वे इस न्यायालय की सहायता करें. नटराज इस न्यायालय को अवगत कराएंगे कि प्रतिवादी को पासपोर्ट और इस न्यायालय की इजाजत के बिना इस देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई. भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सहायता से, वह यह भी पूछताछ कर सकते हैं और इस अदालत को अवगत करा सकते हैं कि देश से भागने में प्रतिवादी की किसने सहायता की और इसमें कौन-कौन अफसर और अन्य व्यक्ति शामिल थे.’
जानिए पूरा मामला
बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 19 फरवरी को मुकर्रर की है. शीर्ष अदालत ने पत्नी द्वारा अपने अलग हुए पति के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था. आठ फरवरी, 2006 को उनकी शादी हुई थी और वे अमेरिका चले गए. उनका 10 साल का एक बच्चा भी है. वैवाहिक कलह की वजह से उस व्यक्ति ने 12 सितंबर, 2017 को अमेरिका के मिशिगन की एक अदालत से तलाक का आदेश प्राप्त कर लिया.
दूसरी तरफ, पत्नी ने भारत में अलग रह रहे अपने पति के खिलाफ कई कार्यवाहियां शुरू कीं. अक्टूबर, 2019 में सुप्रींम कोर्ट के समक्ष दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें से एक आधार यह था कि व्यक्ति को बच्चे की कस्टडी उसकी अलग रह रही पत्नी को देनी चाहिए. जब वह ऐसा करने में असफल रहे, तो महिला की याचिका पर अवमानना कार्यवाही शुरू की गई. 26 सितंबर, 2022 और 10 नवंबर, 2022 के आदेशों के बाद, उस शख्स को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था और वह 13 दिसंबर, 2022 को ऑनलाइन पेश हुआ. अदालत ने 17 जनवरी 2024 को उसे सभी कार्यवाहियों में उपस्थित रहने को कहा था, लेकिन वह 22 और 29 जनवरी को सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुआ. ( भाषा इनपुट के साथ )