Worker's Rights: कर्मचारी का आरोप है कि उसे हफ्ते में 2 दिन घर पर ही रहने के लिए कहा जाता है, काम से जुड़े ईमेल नहीं प्राप्त होते हैं और मीटिंग्स में भी नहीं बुलाया जाता है.
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Job Without Work: कहते हैं मेहनत की कमाई सबसे पवित्र होती है. अगर आपको सालाना एक करोड़ रुपये का पैकेज मिले और दफ्तर में कोई काम भी न करना पड़े तो आप क्या करेंगे. इस सवाल पर आपका जो भी जवाब हो लेकिन आयरिश रेल विभाग में फाइनेंस मैनेजर डर्मोट एलिस्टेयर मिल्स को बिना काम के वेतन लेना बिल्कुल पसंद नहीं है. वह काम करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
क्या हैं मिल्स के आरोप?
मिल्स ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि उन्हें ऑफिस में बहुत कम काम दिया जा रहा है कि क्योंकि रेलवे खातों से जुड़े कुछ मामलों पर सवाल खड़े किए थे. मिल्स के मुताबिक उन्होंने 2014 में रेलवे ऑपरेटर से जुड़े कुछ अकाउंट्स मामलों के बारे में सवाल उठाए थे जिसके बाद से उनके काम में कटौती कर दी गई है.
द मिरर के मुताबिक मिल्स कहते हैं कि वह ऑफिस में अपना ज्यादातर समय अखबर पढ़ने, लंबी सैर करने और सैंडविच खाने में बिताते हैं. मिल्स को 8 लाख रुपये का मासिक वेतन मिलता है उनका सालाना पैकेज करीब 1 करोड़ रुपये का है. उनका कहना है कि उन्हें कुछ न करने के लिए ‘लाखों की सैलरी’ दी जा रही है.
'आयरिश रेल के खिलाफ बोलने के लिए सजा दी जा रही है'
वर्कप्लेस रिलेशन कमीशन के सामने उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आयरिश रेल के खिलाफ बोलने के लिए सजा दी जा रही है और ऑफिस में कोई काम न होने की वजह से वर्किंग आवर्स में वह बोर होते रहते हैं. उनका कहना है कि उन्हें हफ्ते में 2 दिन घर पर ही रहने के लिए कहा जाता है, काम से जुड़े ईमेल नहीं प्राप्त होते हैं और मीटिंग्स में भी नहीं बुलाया जाता है. इस मामले की अगली सुनवाई अब फरवरी में होगी.
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