Antarctica Appendectomy News: अंटार्कटिका के ऑस्ट्रेलियन स्टेशन पर मौजूद डाक्टर के लिए अपेंडिक्स का ऑपरेशन जरूरी होता है. इसके पीछे की वजह भी खास है. दरअसल अगर डॉक्टर को खुद परेशानी हुई तो उसका इलाज कौन करेगा.
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Antarctica Mission: अंटार्कटिक स्थित ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन पर जाने के लिए डॉक्टरों को एपेंडेक्टोमी कराना बेहद जरूरी है. अगर कोई डॉक्टर अपने अपेंडिक्स ऑपरेशन के बारे में जानकारी नहीं देगा तो उसे नहीं जाने दिया जाता है. हालांकि सामान्य लोगों के यह जरूरी नहीं है. अब सवाल यह है कि अंटार्कटिका पर बने स्टेशन और अपेंडिक्स के बीच क्या रिश्ता है. क्या अपेंडिक्स अंटार्कटिका जाने में रोड़े अटकाने का काम कर सकता है. एक चेकलिस्ट के मुताबिक डॉक्टरों को एपेंडेक्टोमी होना जरूरी है. इसका अर्थ यह है कि अपेंडिक्स नहीं होना चाहिए. अब इसके पीछे की वजह को समझना जरूरी है.
डॉक्टरों के लिए अपेंडिक्स का ऑपरेशन जरूरी
अंटार्कटिका के ऑस्ट्रेलियन स्टेशन पर सिर्फ एक डॉक्टर को रहने की इजाजत है.ऑस्ट्रेलियन अंटार्कटिका प्रोग्राम वेबसाइट के अगर डॉक्टर खुद अपेंडिक्स से होने वाली परेशानी का सामना करेगा तो उसका इलाज कौन करेगा.लिहाजा डॉक्टरों के लिए अपेंडिक्स का ऑपरेशन जरूरी हो जाता है. अपेंडिक्स ऑपरेशन के संबंध में डॉक्टर सर्ज उडोविकॉफ का जिक्र करना जरूरी हो जाता है.1950 में अंटार्कटिका की भीषण ठंड में उन्हें अपेंडिक्स का दर्द हुआ. उन्होंने खुद सर्जरी करने का फैसला किया क्योंकि दूसरा कोई डॉक्टर नहीं था. हालांकि उन्होंने सर्जरी नहीं करने का फैसला किया. उनकी मदद के लिए ऑस्ट्रेलियन नेवी ने अपने एक शिप को भेजा और इस घटना के बाद से ही डॉक्टरों के लिए एपेंडेक्टोमी कराना अनिवार्य किया गया. यह बात अलग है कि दूसरे देशों ने इसे नहीं अपनाया. 1961 में फिजिसियन लियोनिड रोगजोव इतने खुशकिश्मत नहीं रहे. उन्होंने खुद अपेंडिक्स की पहचान की. दूसरे स्टेशन से मदद मांगी लेकिन मदद नहीं मिल सकी और वो पेरिटोनाइटिस के शिकार हो गए. अब वो खुद अकेले डॉक्टर थे लिहाजा उन्होंने खुद दो लोगों, एक बेहोश करने वाले और मिरर की मदद से ऑपरेशन किया.
क्या होता है अपेंडिक्स
अपेंडिक्स, बड़ी आंत से जुड़ा हुआ छोटा सा अंग होता है. वैसे तो इससे किसी तरह का गंभीर खतरा नहीं होता. लेकिन 100 में से पांच से 9 लोग इससे प्रभावित होते हैं और जब इसका दर्द शुरू होता है तो उसे निकालने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचता. अगर सर्जरी के जरिए इसे ना निकाला जाए तो इसके फटने की वजह से शरीर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है जिसे पेरिटोनाइटिस कहते हैं.