Canada PM Justin Trudeau Latest News: भारत से उलझने में फंसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी खुद खतरे में पड़ गई है. देश में महंगाई और चुनाव में विपक्षी पार्टी के द्वारा पिछड़ने से कनाडाई पीएम के खिलाफ खुद की पार्टी से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.
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India-Canada Relationship: भारत से उलझने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो मुश्किल में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं. महंगाई और चुनाव में पार्टी को मिल रही असफलताओं के बीच पीएम ट्रूडो को इस्तीफा देने की मांग उठने लगी है, क्योंकि ट्रूडो की चुनाव में पिछड़ रही है. सर्वे में पता चला है कि कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी 10 से 15 अंकों से आगे चल रही है. अगर ये आंकड़े चुनाव में सही साबित होते हैं तो विपक्ष बड़ा बहुमत हासिल करने में कामयाब हो सकते हैं. ऐसे में ट्रूडो की खुद की राजनीतिक पार्टी के सदस्य उनके इस्तीफे की मांग करने लगे हैं.
आगे चल रही विपक्षी पार्टी
बता दें कि जस्टिन ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में 2015 से पद पर हैं. हालांकि, पिछले कई महीनों से चल रहे सर्वेक्षणों से पता चला है कि पियरे पोइलिवरे की कंजर्वेटिव पार्टी 10 से 15 अंकों से आगे चल रही है और लगभग हर जगह विस्तार कर रही है. ये आंकड़े चुनाव में सही साबित होते हैं, तो 44 वर्षीय विपक्षी नेता बड़ा बहुमत हासिल कर लेंगे और ट्रूडो के शासन का अंत कर देंगे. लिबरल पार्टी के इस पतन के लिए अर्थव्यवस्था और ट्रूडो के प्रति मतदाताओं का झुकाव खत्म होना है.
महंगाई में वृद्धि
वहीं, कनाडा के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और ट्रूडो के सबसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी पीयरे पोइलिवरे ने कनाडाई लोगों के गुस्से को सफलतापूर्वक भुनाया है और "जस्टफ्लेशन" शब्द गढ़कर रहन-सहन की बढ़ती लागत की तरफ लोगों का ध्यान केंद्रित किया है. इसके लिए पोइलिवरे सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. ट्रूडो और उनके सलाहकारों ने खुले तौर पर कहा है कि उनकी अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, उनके करीबी लोगों का मानना है कि ट्रूडो सरकार को मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण आए तूफान का सामना करना पड़ सकता है.
भारतीय विदेश मंत्री का जवाब
वहीं, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का कहना है कि हमने कनाडाई लोगों से कहा है कि वहां की राजनीति ने हिंसक और चरमपंथी राजनीतिक विचारों को जगह दी है, जो भारत से अलगाव की वकालत करते हैं, जिसमें हिंसक तरीके भी शामिल हैं. इन लोगों को कनाडाई राजनीति में समायोजित किया गया है. उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी गई है. भाषण की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है. उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को सहन करना बहुत गलत होगा. अगर आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है तो कृपया सबूत हमारे साथ साझा करें. हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं.
पीएम ट्रडो ने लगाया था ये आरोप
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले दिनों भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हमें एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल होने की बात का पता चला है. हमारे पास यह मानने के गंभीर कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट उनकी हत्या में शामिल हो सकते हैं. इसकी शिकायत लेकर हम भारत पहुंचे और उनसे इस मामले की तह तक जाने के लिए सहयोग मांगा.