Temple in Muslim Country: इस बड़े मुस्लिम देश में मिले 2700 साल पुराने मंदिर के अवशेष, जानें किस देवता की होती थी पूजा?
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Temple in Muslim Country: इस बड़े मुस्लिम देश में मिले 2700 साल पुराने मंदिर के अवशेष, जानें किस देवता की होती थी पूजा?

Ancient Temple Found in Muslim Country: यह बात अक्सर सबके दिमाग में आती होगी कि 1400 साल पहले शुरू हुए इस्लाम मजहब से पहले मुस्लिम देशों में आखिर कौन सा धर्म माना जाता है. अब एक बड़े मुस्लिम देश में 2700 साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिनसे कई सवालों के जवाब मिल गए हैं. 

Temple in Muslim Country: इस बड़े मुस्लिम देश में मिले 2700 साल पुराने मंदिर के अवशेष, जानें किस देवता की होती थी पूजा?

2700 Years Old Ancient Temple Found in Sudan: दुनिया में इस्लाम मजहब का आगमन 1400 साल पहले और ईसाई मजहब का 2 हजार साल पहले हुआ है. लेकिन इस दुनिया में इससे पहले भी अलौकिक शक्ति चला रही थी, जिसे मानने वालों को सनातन धर्म कहा जाता है. इस धर्म को मानने वाले प्रकृति से अपना रिश्ता जोड़ते हैं और इसकी जड़ें भारत से बाहर भी दुनिया के तमाम देशों में फैली हुई हैं. अब पुरातत्वविदों ने मुस्लिम देश सूडान (Sudan) में 2700 साल पुराने ऐसे ही एक मंदिर के अवशेष खोज निकाले हैं यानी इस्लाम मजहब शुरू होने से 1300 साल पहले के अवशेष.

नील नदी के किनारे मिले मंदिर के अवशेष

पुरातत्वविदों के मुताबिक 2700 साल पहले इस इलाके में कुश (Kush) नाम का बहुत बड़ा राज्य हुआ करता था. उस राज्य में मौजूदा मिस्र, सूडान और मध्य पूर्व एशिया के कई हिस्से आते थे. जिस जगह मंदिर के अवशेष मिले हैं. वह सूडान नदी में नील नदी के तीसरे और चौथे जलप्रपात के बीच ओल्ड डोंगोला (Old Dongola) में स्थित हैं. 

मिस्र में पूजे जाते थे अमुन-रा देवता 

मंदिर के अवशेषों की खोज करने वाले पुरातत्वविदों के मुताबिक वह टेंपल कावा के अमुन-रा (Amun-Ra) का था.  कावा सूडान में एक पुरातत्विक स्थल है, जहां पर एक मंदिर बना मिला है. वहीं अमुन-रा उस वक्त के कुश राज्य और मिस्र में पूजे जाने वाले देवता थे. वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि खोज में मिले अवशेष वाकई सूडान में कावा मंदिर के हैं या नहीं. 

अभी अवशेषों की सही उम्र पता नहीं

पुरातत्वविदों का कहना है कि अभी अवशेषों की निश्चित समयावधि पता नहीं लग सकी है. जिसके लिए अभी ओर रिसर्च करने की जरूरत है. लेकिन अगर इस प्राचीन मंदिर के बारे में और जानकारी मिलती है तो यह वैश्विक प्राचीन इतिहास के लिए नई जानकारी होगी. इससे हमें पता चल सकेगा कि इस्लाम के उदय से पहले अफ्रीका-एशिया में लोगों का जीवन कैसा था और वे किस प्रकार अपना जीवन निर्वाह करते थे. 

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